बिहार में पक्षियों के पंजों पर सरकार ने लगाई चिप, मंत्री ने बताया किसपर है नजर

प्रदेश में अलग-अलग स्थानों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की पुख्ता जानकारी रखने और उनके मार्ग के अध्ययन के लिए सरकार ने बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी का सहयोग लिया है। इस संस्था के माध्यम से भागलपुर में बर्ड रिंगिंग स्टेशन की स्थापना की गई है।

इस स्टेशन में प्रवासी पक्षियों के पंजों में एक चिप पहनाकर उनके मार्ग का अध्ययन किया जा रहा है। गुरुवार को विधान परिषद में निवेदिता सिंह के सवालों का जवाब दे रहे पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रभारी मंत्री जीवेश कुमार ने परिषद में यह जानकारी दी।

मंत्री ने सदन को बताया कि अब तक इस स्टेशन के जरिए कम से कम सौ पक्षियों के पंजों में चिप लगे रिंग पहनाए गए हैं। इसके जरिए बिहार आने वाले प्रवासी पक्षियों का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा जमुई में बर्ड गाइड के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join
  • मंत्री बोले- पक्षियों के पंजे में चिप लगा हो रहा है उनके मार्ग का अध्ययन
  • – निवेदिता सिंह के सवाल के जवाब में मंत्री ने सदन में दी जानकारी
  • पक्षियों का सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा

    मंत्री ने कहा कि अभी पक्षियों का सर्वेक्षण कार्य ही किया जा रहा है। सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ही यह ज्ञात हो पाएगा कि बिहार में आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या घट रही है अथवा बढ़ रही है। अभी इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा सरकार के पास मौजूद नहीं।

    कई क्षेत्रों में पक्षी आश्रयणी क्षेत्र : – जीवेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने कई क्षेत्रों में पक्षी आश्रयणी क्षेत्र भी घोषित किए हैं। अभी कोई अधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने के कारण इन प्रवासी पक्षियों के ठहराव की संख्या एवं इनकी संख्या में कमी की पुष्टि नहीं की जा सकती।

  • बरैला, कांवर, कुशेश्वरस्थान, नागी एवं नकटी पक्षी आश्रयणी शामिल हैं। इसके अलावा सरैयामन झील क्षेत्र में भी पक्षियों का अधिवास है। भागलपुर में गरूड़ संरक्षण केंद्र की स्थापना भी की गई है।