पटना : शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) में साफ-सफाई और उसकी गुणवत्ता को लेकर स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने जा रही है। इसके तहत साफ सफाई के साथ पौष्टिक मध्याह्न भोजन परोसने वाले स्कूलों को राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इससे पहले यह प्रतिस्पर्धा प्रखंड और जिला स्तर पर आयोजित की जाएगी।
निगरानी मोबाइल ऐप से कराने का निर्देश
मध्याह्न भोजन निदेशालय के निदेशक सतीश चंद्र झा ने प्रत्येक प्रारंभिक विद्यालय में बच्चों के लिए खाद्यान्न उठाव एवं वितरण की निगरानी मोबाइल ऐप से कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलों में मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन और किचेन में साफ-सफाई तथा बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित रूप में निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।
- – साफ-सफाई और दोपहर के भोजन की गुणवत्ता जैसे मानक पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालय होंगे पुरस्कृत
- – हर माह शत-प्रतिशत खाद्यान्न उठाव की मोबाइल ऐप से निगरानी
- भोजना को बेहतर और स्वादिष्ट बनाने के लिए यह कदम उठाया गया
- रसोइये और उनके सहयोगी लेंगे प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे
तय मानकों पर की जा रही छानबीन
उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूलों में जाकर मध्याह्न भोजन की जांच करने वाले पदाधिकारी तय मानकों पर उसकी छानबीन कर रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन यानी दोपहर के खाने की गुणवत्ता पर लगातार उठते सवालों के बीच इसे बेहतर और स्वादिष्ट बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
गुणवत्ता को लेकर सालाना होगी प्रतिस्पर्धा
इसके तहत स्कूलों के बीच अब खाने की गुणवत्ता को लेकर सालाना एक प्रतिस्पर्धा होगी, जो प्रखंड स्तर से शुरू होकर जिला, राज्य और राज्य स्तर तक की होगी। इनमें स्कूलों में खाना बनाने वाला रसोइये और उनके सहयोगी हिस्सा लेंगे। इस योजना के तहत बेहतर खाना बनाने वाले स्कूलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।