पटना. राज्य में पुलिस की सहायक इकाई के तौर पर समझी जाने वाले होमगार्ड की ट्रेनिंग अब पुलिस के जवानों की तर्ज पर की जायेगी. इनकी ट्रेनिंग स्टेट कमांडो की तरह ही होगी और इसके लिए जो भी महत्वपूर्ण गुर हैं, वे सभी इन्हें सिखाये जायेंगे. इसमें गोरिल्ला वार टेक्निक, पाइप प्रैक्टिस, रोप क्लाइमिंग समेत ऐसे अन्य विशेष तरीके शामिल हैं. इन्हें इस तरह की विशेष ट्रेनिंग देने के लिए सेना के रिटायर्ड 20 सूबेदारों को बुलाया गया है.
आर्मी के पूर्व पदाधिकारियों से ट्रेनिंग दिलाने वाला देश का पहला राज्य होगा बिहार
इन जवानों को यह विशेष तरह की ट्रेनिंग बिहटा स्थित होमगार्ड के ट्रेनिंग सेंटर में इसके लिए खासतौर से व्यवस्था की गयी है. इनकी यह ट्रेनिंग पांच चरणों में होगी और सभी में कुछ न कुछ अलग बातें या टेकनीक बताये जायेंगे.
इस तरह की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद होमगार्ड के जवानों को विशेष स्थानों या लोगों की सुरक्षा के अलावा विशेष कार्यक्रमों में भी तैनाती की जा सकती है. बिहार होमगार्ड के जवानों को आर्मी के पूर्व पदाधिकारियों से ट्रेनिंग दिलाने वाला देश का पहला राज्य है. जहां इस फोर्स के कायाकल्प करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
जवानों को इसी तर्ज पर ट्रेनिंग
राज्य में अभी दो हजार 700 होमगार्ड के जवान ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिन्हें भी इस तरह की विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी. इस मामले में समादेष्टा चंदन कुशवाहा ने बताया कि आने वाले दिनों में होमगार्ड में आठ हजार जवानों की बहाली होनी है. सभी जवानों को इसी तर्ज पर ट्रेनिंग दी जायेगी.
इस तरह की ट्रेनिंग लेने के बाद होमगार्ड के जवान भी पूरी तरह से सशक्त हो जायेंगे और मजबूत हौसलों के साथ के साथ ड्यूटी करेंगे. होमगार्ड के जवानों के चुस्त-दुरुस्त होने से इन्हें लेकर पहले से जो छवि रही है, वह अब बदल जायेगी.