औरंगाबाद में 323.4 की जगह 62.93 फीसदी बारिश ही गिरी, धान की रोपाई को लेकर किसान बेचैन

औरंगाबाद। जुलाई में औसत से कम बारिश से कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ किसानों के होश उड़ गए हैं। स्थिति यह है कि किसान खेतों में धान लगाने को तैयार हैं, लेकिन बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात हैं। जिला कृषि अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि जुलाई माह में बारिश नहीं हुई है।

सामान्य से कम बारिश के कारण चिंता की रेखाएं खींची गई हैं। बताया कि 24 जुलाई तक कम से कम 323.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 62.93 प्रतिशत बारिश ही हुई है। नहर क्षेत्र में कुछ पौधरोपण किया जा रहा है, लेकिन जिस प्रखंड में पानी नहीं है वहां के किसान बेचैन हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि धान की रोपाई कैसे करें। जब तक बारिश नहीं होगी, धान की रोपाई का काम तेजी से नहीं होगा। डीएओ ने कहा कि मैंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की है। उनसे तांटिल प्रणाली के तहत नहरों में पानी की आपूर्ति करने का अनुरोध किया गया है। तांटिल प्रणाली का अर्थ है एक नहर को बंद करना और दूसरी नहर में पानी छोड़ना।

इस व्यवस्था के तहत सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरों में पानी की आपूर्ति करते हैं। डीएओ ने कहा कि हालांकि सभी प्रखंडों में बारिश नहीं हुई है, लेकिन मदनपुर, देव, रफीगंज, गोह और हसपुरा में स्थिति विकट है. जिन किसानों ने खेतों में धान बोया है, वे भी परेशान हैं, जिन्होंने नहीं किया, वे बेचैन हैं। वैसे मौसम विभाग ने 26 जुलाई से भारी बारिश का अनुमान जताया है। 26 से 30 जुलाई तक बारिश होने की संभावना है। वैसे अब तक के हालात को देखते हुए जिले में सूखे का खतरा मंडरा रहा है।

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