विद्यालय में बच्चों की नियमित उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने जिम्मेदारी तय कर दी है. 75 फीसदी उपस्थिति का लक्ष्य हासिल करने के लिए विद्यालय प्रधान के साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षक और संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक को जिम्मेदार बताया गया है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र एक सप्ताह तक लगातार स्कूल में अनुपस्थित रहता है, तो प्रधानाध्यापक उसके अभिभावक से संपर्क कर विद्यालय नहीं आने का कारण जानेंगे. इसके लिए अलग से रजिस्टर बनाने को भी कहा गया है.
पिछले हफ्ते डीएम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान अमरेंद्र कुमार पांडेय ने नगर क्षेत्र के विद्यालय अवर निरीक्षक सहित सभी बीइओ को पत्र भेजा है. कहा है कि सभी विद्यालय निर्धारित समय पर खुले और विद्यालय में नियुक्त शिक्षक समय पर विद्यालय आना सुनिश्चित करें. विद्यालय अवधि समाप्ति के बाद ही विद्यालय से प्रस्थान करेंगे. प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि बच्चों के समूह को विद्यालय लाने के लिए शिक्षकों के बीच जिम्मेदारी का निर्धारण कर दें.
विद्यालय अवधि में मोबाइल का प्रयोग वर्जित- डीपीओ ने विद्यालय अवधि में शिक्षकों के मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. कहा है कि शिक्षक विद्यालय अवधि में मोबाइल का उपयोग गैर शैक्षणिक कार्य के लिए नहीं करेंगे. शैक्षणिक कार्य के समय मोबाइल का प्रयोग कदाचार समझा जायेगा और संबंधित के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
हर महीने पीटीएम व छात्रों का मूल्यांकन- शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और इसमें अभिभावकों का सहयोग लेने का निर्देश दिया गया है. डीपीओ ने कहा है कि सभी विद्यालयों में हर महीने पैरेंट-टीचर मीटिंग की जाये. इसमें बच्चों की शैक्षणिक प्रगति पर चर्चा की जायेगी. आवश्यक होने पर पैरेंट्स से मदद भी लेने को कहा गया है. इसके अलावा हर महीने छात्र-छात्राओं का मासिक मूल्यांकन भी किया जायेगा. सभी बच्चों को होमवर्क दिया जायेगा, जिसकी जांच अगले दिन होगी. वहीं, अंतिम पाली को रोचक बनाने के लिए खेलकूद, संगीत, पेंटिंग व कथावाचन को शामिल किया जायेगा.
Source-prabhat khabar