पूरा देश पिछले एक साल से कोरोना संक्रमण से पीड़ित है। वर्तमान में, होली जैसे त्योहार पर सार्वजनिक बैठक में प्रतिबंध के कारण लोगों की होली इस बार फीकी हो जाएगी। इस कोरोना अवधि के दौरान, जिले के विकास का पहिया रुक गया है। लगभग एक लाख प्रवासियों ने उस पर लगाए गए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के लिए घर लौट आए।
लॉकडाउन के अंत में, 80 प्रतिशत प्रवासी रोजगार की तलाश में फिर से परदेस चले गए। लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर की खबर के साथ, आम लोग एक बार फिर डर के साए में जी रहे हैं। हालांकि, कोरोना टीकाकरण के कारण, लोगों से कोरोना का डर काफी हद तक कम होने लगा था।
कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। इस संबंध में, डीएम सुभाष भगत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए जिले में रोस्टर के अनुसार कोविशिल्ड -19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है।
इसके अलावा, क्षेत्र में सामाजिक गड़बड़ी की जांच करके, सड़कों और बाजारों में घूमने वालों के मुखौटे की जांच के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे लोगों से भी जुर्माना वसूला जा रहा है जो मास्क का इस्तेमाल नहीं करते हैं। ताकि वे मास्क का उपयोग अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकें। जिले में अब तक लगभग 60 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है। इसमें तीस प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक भी दी गई है।
डीजे व सामूहिक समारोह पर लगी ब्रेक
वहीं होली और शब-ए-बारात के दौरान शांति बनाए रखने और भाईचारे के माहौल में त्योहार मनाने के लिए समस्तीपुर जिले के विभिन्न स्थानों पर शांति समिति की बैठक हुई। शनिवार को, विभिन्न पुलिस स्टेशन परिसर में आयोजित शांति समिति की बैठक ने त्योहार को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने की अपील की। इसके अलावा, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, डीजे ध्वनि बजाने के साथ होली मिलन समारोह पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं शराबियों और शराब कारोबारियों पर नजर रखी जा रही है।