बिहार के नौ हवाई अड्डों को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर की भी बात

पटना हाई कोर्ट ने पटना समेत राज्य के अन्य हवाईअड्डों के निर्माण और विस्तार से संबंधित मामले पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह और अन्य की लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य के विकास आयुक्त को दो सप्ताह में सभी पक्षों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया हैं। कोर्ट ने पटना हवाईअड्डा के निदेशक को अगली सुनवाई में तलब किया है।

नौ हवाई अड्डों का सुनवाई में हुआ जिक्र :- याचिका द्वारा बताया गया है कि राज्य में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज, मुंगेर और रक्सौल हवाईअड्डा हैं, लेकिन ये सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस नहीं हैं। कोर्ट ने पूर्णिया हवाईअड्डा से संबंधित भूमि अधिग्रहण के मुकदमों को वहां के डीएम को 45 दिनों में निपटाने का निर्देश दिया। मालूम हो कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दो दिनों के भीतर गया हवाईअड्डा के संबंध में भूमि अधिग्रहण को लेकर लंबित मुकदमों की सूची देने का निर्देश दिया था।

अगली सुनवाई तीन सप्‍ताह बाद होगी :- याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमीत कुमार सिंह ने हवाईअड्डा प्राधिकरण के पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि गया हवाईअड्डा के लिए भी 26 एकड़ भूमि ही दी गई। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत बिहार सरकार ने लगभग 260 करोड़ रुपये के लिए अपील दायर कर रखा है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

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फिलहाल राज्‍य में तीन हवाई अड्डे आम लोगों के यातायात के लिए सेवा में हैं। इनमें पटना, गया और दरंभंगा का हवाई अड्डा शामिल है। दरभंगा हवाई अड्डा को कुछ ही महीनों पहले शुरू किया गया था। इस हवाई अड्डे पर यात्री सुविधाओं का अभी काफी अभाव है। पटना और गया एयरपोर्ट यूं तो लंबे अरसे से चालू हैं, लेकिन यहां भी यात्री सुविधाओं के विस्‍तार की योजनाएं लंबित हैं।