नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस सप्ताह यह कहकर खतरे की घंटी बजा दी है कि दुनिया कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की ओर बहुत तेजी से बढ़ रही है. इस लहर की मुख्य वजह सार्स-कोव-2 का डेल्टा वेरिएंट है, जिसका पहला मामला भारत में मिला था. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी भारत के लिए भी एक खतरे का संकेत है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सप्ताह कहा था कि भारत में कोविड-19 मामलों में गिरावट की रफ्तार धीमी हो गई है. भारत में, अब भी महाराष्ट्र, केरल और पूर्वोत्तर के कुछ जिलों सहित कुछ इलाकों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
सरकार का कहना है कि अगले 2-3 महीने अहम
क्या भारत में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है? नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने इस सप्ताह कहा था कि भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन भारत टीकाकरण या प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने से फिलहाल बहुत दूर है. इसलिए खतरा बना हुआ है. सरकार ने कहा है कि अगले कुछ महीने बेहद अहम होंगे.
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‘तीसरी लहर 4 जुलाई को ही आ गई’
हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस-चांसलर भौतिक विज्ञानी डॉ विपिन श्रीवास्तव ने हाल ही में कहा कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर पहले ही 4 जुलाई को आ चुकी है. उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को ठीक वैसे ही स्थिति दर्ज की गई जैसा कि फरवरी के पहले सप्ताह (दूसरी लहर की शुरुआत) में देखी गई थी.
आईसीएमआर ने तीसरी लहर पर क्या कहा
तीसरी लहर अगस्त के अंत तक देश में दस्तक दे सकती है, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ समिरन पांडा ने कहा है कि देश में तीसरी लहर आए, यह जरूरी नहीं है.
तीसरी लहर पर अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट की बढ़ती मौजूदगी और टीकाकरण की गति के कारण देश में कोरोना की तीसरी लहर का जोखिम वास्तविक नजर आता है. वहीं, एसबीआई रिसर्च ने इस महीने की शुरुआत में तैयार अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक महामारी की तीसरी लहर देख सकता है.
तीसरी लहर के समय की भविष्यवाणी करना मुश्किल : देवी शेट्टी
कर्नाटक कोविड विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष डॉ देवी शेट्टी ने कहा कि तीसरी लहर के समय और गंभीरता का अनुमान लगाना मुश्किल है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने जैसे कोविड से संबंधित उचित व्यवहार का पालन करना होगा. यही चीजें हमारी रक्षा करेंगी. अगर लोग गैर-जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करते हैं तो कोई भी सरकार, कोई एंटी-बायोटिक और कोई टीका उनकी रक्षा नहीं कर सकता है. इसलिए लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगा.’
तीसरी लहर पर आईआईटी वैज्ञानिकों की तीन राय
इस महीने की शुरुआत में, आईआईटी के वैज्ञानिकों के एक समूह ने तीन परिदृश्य सामने रखे थे जिसके मुताबिक अगस्त तक स्थिति सामान्य हो सकती है, जारी रह सकती है या और खराब हो सकती है. इसी तरह से पिछले महीने, रॉयटर्स ने एक सर्वेक्षण किया था और भविष्यवाणी की थी कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर तक आएगी.
Source-news 18