सिवान । नौ सितंबर गुरुवार को महिलाएं हरितालिका तीज व्रत रखेंगी। इसको लेकर बाजारों में चहल पहल बढ़ी हुई है। हिदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। तीज को लेकर शहर के बाजारों की रौनक बढ़ गई है।
व्रत को लेकर सुहागिनों ने अभी से ही नए वस्त्र, आभूषण, पूजा सामग्री आदि की खरीदारी करने में तत्परता से जुट गई हैं। बहू-बेटियों के घर भी तीज की सामग्री आदि भेजी जाने लगी है। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इसबार 9 सितंबर यानी गुरुवार को हरितालिका तीज व्रत है। इसमें अब महज एक दिन ही शेष रह गया है। अनलाक में छूट मिलने के बाद पर्व त्योहारों में फिर से रौनक लौटने की उम्मीद अब लगने लगी है। दुकानदारों को भी उम्मीद है कि अब व्यवसाय को रफ्तार मिलेगी। वहीं बाजारों में महंगाई पर आस्था भारी पड़ती दिख रही है। सुयोग्य वर की भी प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं रखती हैं व्रत : हरितालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है। संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है।
हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित कर और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इस दिन हरितालिका तीज व्रत कथा सुनने का भी महत्व है। बेटी के घर तीज भेजने की भी है परंपरा : आचार्य ने बताया कि हिदू धर्म परंपराओं से भरा हुआ है। जिसका निर्वहन हमसभी करते आ रहे हैं। पर्व के मौके पर मायके से बेटी के घर यानी ससुराल में तीज भेजने की भी परंपरा है। इसमें बेटी के सुहाग से जुड़े सभी सामान, वस्त्र व मिठाई भेजी जाती है। वहीं लोग सामर्थ्य के अनुसार इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। ऐसे भी तीज पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है। इस दरम्यान व्रती निर्जला उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि हिमालय राज की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया को निर्जला उपवास रखकर भगवान शिव को डलिया चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना की थी।
तब से सुहागिन महिलाएं अखंड सुहाग के लिए इस व्रत को करती हैं। हरितालिका तीज का शुभ मुहूर्त : हरितालिका तीज तिथि प्रारंभ : 9 सितंबर गुरुवार प्रात:काल पूजा मुहूर्त : सुबह 6.30 बजे से 8.33 बजे तक प्रदोषकाल पूजा मुहूर्त : शाम 6.33 बजे से रात 8.51 बजे तक तृतीया तिथि प्रारंभ : 9 सितंबर सुबह 2 बजकर 33 मिनट पर तृतीया तिथि की समाप्ति : रात 12 बजकर 18 मिनट पर।