खाद्य तेलों की महंगाई थामने में जुटी सरकार, सरसों तेल के वायदा कारोबार पर रोक, स्टाक सीमा भी लागू

यूक्रेन से कुल 8.43 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात किया गया। खाद्य तेलों की घरेलू खपत का 60 प्रतिशत हिस्सा आयात से पूरा होता है। खाद्य तेल उद्योग संगठनों का मानना है कि मई और जून में इन कीमतों में तेज उछाल दिख सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक बाजार के बदलते रुख के बीच खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति बाधित हुई है। इसके चलते खाद्य तेलों के दाम में तेजी का रुख है। महंगे आयातित खाद्य तेलों का सीधा असर घरेलू बाजार पर दिखने लगा है, जिससे महंगाई बढ़ी है। इसे रोकने के लिए तात्कालिक उपाय के तौर पर सरकार ने सरसों तेल के वायदा सौदे पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही सरसों पर स्टाक सीमा भी लागू कर दी गई है। सीमा शुल्क की रियायती दरें अब इस वर्ष दिसंबर के अंत तक लागू रहेंगी। केंद्र सरकार ने आयात निर्भरता घटाने के अन्य दीर्घकालिक कदम भी उठाए हैं।घरेलू आपूर्ति को सुधारने और कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने पहले से ही सीमा शुल्क की दरों में सुधार करते हुए उसे न्यूनतम स्तर पर लाने का प्रयास किया है।

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सरकार ने क्रूड पाम आयल, क्रूड सोयाबीन आयल, क्रूड सन फ्लावर को पहले से ही शुल्क मुक्त कर रखा था, जिसे अब 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। रिफाइंड पाम आयल पर लगाए जाने वाले अतिरिक्त सीमा शुल्क को दिसंबर, 2022 तक हटा लिया गया है। खाद्य तेलों की महंगाई पर काबू पाने के उद्देश्य से सरसों तेल के वायदा सौदे को रोक दिया गया है।

वहीं सरसों व सरसों तेल पर स्टाक सीमा भी लगा दिया गया है।खाद्य तेलों के मूल्य महीनाभर में 25-40 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। बाजार की स्थिति यह है कि 125 रुपये प्रति लीटर वाला खाद्य तेल 170-180 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। खाद्य तेल उद्योग संगठनों का मानना है कि मई और जून में इन कीमतों में तेज उछाल दिख सकता है।

दक्षिणी अमेरिका में सूखा पड़ने की वजह से सोयाबीन की फसल चौपट हो गई है। यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की आपूर्ति ठप होने का असर अन्य तेलों पर दिख रहा है। इंडोनेशिया की नई तेल नीति के चलते पाम आयल के मूल्य में भारी तेजी का रुख है।

वैश्विक बाजार की इन्हीं विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने उचित कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।दरअसल, रूस के मुकाबले यूक्रेन से बहुत ज्यादा खाद्य तेलों का आयात किया जाता है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अकेले यूक्रेन से 17.44 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जबकि रूस से मात्र 3.48 लाख टन खाद्य तेल मंगाया गया है।

इन देशों से ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत आयात किया जाता है। नवंबर, 2021-फरवरी,2022 के दौरान यूक्रेन से कुल 8.43 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात किया गया।

यह कुल आयातित सूरजमुखी तेल का 85 प्रतिशत है, जबकि 14.3 फीसद रूस आता है। खाद्य तेलों की घरेलू खपत का 60 प्रतिशत हिस्सा आयात से पूरा होता है।