बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी: 2.75 लाख शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी का रास्ता साफ, जानें ACS सिद्धार्थ ने क्यों लगाई थी रोक

बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी: 2.75 लाख शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी का रास्ता साफ, जानें ACS सिद्धार्थ ने क्यों लगाई थी रोक

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित सीपीडी यानी सतत व्यावसायिक विकास प्रशिक्षण पूरा कर चुके बिहार के करीब 2.75 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। इन शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है।

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शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने इस ट्रेनिंग को पूरा नहीं करने वाले शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी.

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राज्य भर में ऐसे शिक्षकों की संख्या 2,92,144 है, हालांकि बिहार के 31 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों ने अभी तक यह ट्रेनिंग पूरी नहीं की है. 17 अगस्त को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने ट्रेनिंग पूरी कर चुके शिक्षकों की सूची जारी की थी. जिसके बाद इन शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी का रास्ता लगभग साफ हो गया है. ऐसे नियोजित शिक्षक जिन्होंने यह ट्रेनिंग पूरी कर ली है, उन्हें वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा.

दरअसल, राज्य में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले साल जुलाई यानी 2023 से शुरू हुआ है. शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के लिए यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है, हालांकि अभी भी कई शिक्षकों ने यह ट्रेनिंग पूरी नहीं की है. 11 जून को एसीएस एस सिद्धार्थ ने आदेश दिया था कि जिन शिक्षकों ने ट्रेनिंग पूरी नहीं की है, उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी और शिक्षकों द्वारा ट्रेनिंग लेने के बाद निर्धारित तिथि से वेतन बढ़ोतरी दी जाएगी.

आपको बता दें कि बिहार के स्कूलों में करीब 3.23 लाख नियोजित शिक्षक हैं. BPSC की ओर से आयोजित परीक्षा के दो चरणों में करीब ढाई लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. ऐसे में अब राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब 5.77 लाख शिक्षक तैनात हैं. दो लाख से अधिक BPSC शिक्षकों की नियुक्ति के बाद शिक्षक और छात्रों का अनुपात 351 हो गया है. पहले यह अनुपात इससे करीब सौ अधिक था.