Good News : बिहार में शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हो गई। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त सभा के बाद वित्त मंत्री ने मीडिया के साथ आर्थिक सर्वेक्षण की बातें साझा की। उन्होंने कहा कि बिहार ने विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर काम किया है।
कोरोना महामारी के बावजूद इस साल का आर्थिक विकास पॉजिटिव रहा है. इसी का नतीजा है कि जहां कई राज्यों की विकास दर निगेटिव रही, वहीं बिहार में इसके अच्छे परिणाम आए. वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार की विकास दर 2.5 प्रतिशत पर कायम रही।
डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया कि 2020-21 में मत्स्यपालन की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही। 2020-21 में 6.83 लाख टन मछली का उत्पादन होने से राज्य मछली उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर बन गया है। पहले बिहार मछली उत्पादन में दूसरे राज्यों पर आश्रित रहता था।
इसके साथ ही उद्योगों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास की गति तेज हुई। वित्त मंत्री ने कोरोना टीकाकरणकी भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 तक बिहार में 10 करोड़ से भी अधिक लोगों को टीके लगाए गए हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें
बिहार का इस साल सीडी रेशियो 5.2 रहा है। लॉकडाउन के कारण सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 2.5 प्रतिशत पर रही। 2020- 21 में सरकार का कुल व्यय पिछले साल से 13.4 प्रतिशत बढ़कर 175696 करोड़ रुपया पहुंच गया।
-2020 -21 में राज्य सरकार का अपने कर और अन्य स्रोतों से राजस्व बढ़कर 36543 करोड़ रुपए हो गया। कृषि के क्षेत्र में बिहार ने शानदार सफ़लता हासिल की है। 2020-21 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 17.95 लाख टन होने का अनुमान है। -कृषि विभाग ने विकास को तेज करने के लिए मोबाइल एप ‘बिहार’ की शुरुआत की है, जो कृषि संबंधी विभिन्न डिजिटल उपयोगों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ला देता है।
-आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए वित्त मंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने बताया कि औद्योगिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई नीतिगत उपाय किए गए हैं, जिसके कारण 2017 से 2021 के बीच बिहार को कुल 918 प्रस्ताव 54761 करोड़ रुपए का प्राप्त हुआ है।
-परिवहन के क्षेत्र में बिहार ने शानदार काम किया है, जिसके कारण 2018 से 2020 तक 3 वर्षो के अंदर पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। बिहार में ग्रामीण सड़क नेटवर्क की अगर बात करें तो 2021 में यह बढ़कर 102306 किलोमीटर हो गया है।
-ऊर्जा के क्षेत्र में भी बिहार ने बड़ी छलांग लगाई है. 2014- 15 से 2020- 21 के बीच यह वृद्धि 72.4% की हुई है. 2019- 20 में बिजली उत्पादन क्षमता जहां 6073 मेगावाट थी, वहीं 2021 में 5.7 प्रतिशत बढ़कर 6422 मेगावाट हो गई है।
-पर्यावरण के क्षेत्र में बिहार ने खासा ध्यान दिया है। जल जीवन हरियाली मिशन के तहत 2020-21 में लगभग 3.92 करोड़ पौधे लगाए गए. करीब 4436 हेक्टेयर वन क्षेत्र का मृदा और नमी संरक्षण कर के तहत उपचार किया गया।
-बिहार सरकार ने अपने कुल व्यय में सामाजिक सेवाओं पर लगातार खर्च का प्रतिशत बढ़ाया है। 2015-16 में यह 34.4% था जो 2020 में बढ़कर 44% हो गया। यह वृद्धि दर संपूर्ण भारत के राष्ट्रीय वृद्धि दर 13.8% से कहीं अधिक है। बिहार में शिशु मृत्यु दर 29 प्रति 1000 प्रसव है जो राष्ट्रीय 30 के आंकड़े से भी कम है।