Good News: बिहार में सवा लाख शिक्षकों की बहाली का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है. दरअसल पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक उम्मीदवारों की बहाली पर लगी रोक हटा दी है. हाईकोर्ट के इस फैसले से बिहार के लाखों अभ्यर्थियों को लॉकडाउन में बड़ी राहत मिली है. वहीं पटना हाईकोर्ट ने भी शिक्षक बहाली के लिए कुछ शर्तें रखी हैं.
जानकारी के मुताबिक पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के महाधिवक्ता ने बताया कि सरकार ने उम्मीदवारों की एक बड़ी मांग को मान लिया है. प्रदेश के नेत्रहीन शिक्षक अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद कोर्ट ने बहाली की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार विकलांग उम्मीदवारों को नियुक्ति में चार प्रतिशत लाभ देने पर सहमत हो गई है. महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने विकलांगों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधानों का अनुपालन किया है और पूरी चयन प्रक्रिया उसी तरह से की जाएगी.
खंडपीठ ने ऐसे विकलांग शिक्षक उम्मीदवारों को उक्त पद के लिए आवेदन करने की छूट दी है जो विज्ञापन की तिथि यानी वर्ष 2019 में विज्ञापन की तिथि को आवेदन करने के पात्र थे. ऐसे उम्मीदवार अब अधिसूचना की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर अपने आवेदन जमा करेंगे। आवेदन कर सकता। उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति पर रोक के कारण अंतिम चयन सूची की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी।
महाधिवक्ता ने अदालत के समक्ष यह भी कहा था कि या तो राज्य सरकार को रिट याचिका के अंतिम परिणाम के अनुसार नियुक्ति को अंतिम रूप देने की अनुमति दी जानी चाहिए, या वैकल्पिक रूप से, 1.25 लाख पदों में से चार प्रतिशत व्यक्तियों के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। विकलांगता वाले। अनुमति दी जाएगी, जो रिट याचिका के निष्पादन के बाद भरी जाएगी।
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