GDP Growth Rate: भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी. चौथी तिमाही में वृद्धि दर 4 फीसदी रही. भारत सरकार ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किये हैं. सरकार ने बताया है कि इससे पहले के वित्त वर्ष यानी वर्ष 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर में 6.6 फीसदी की गिरावट आयी थी.
GDP Growth Rate: भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी. चौथी तिमाही में वृद्धि दर 4 फीसदी रही. भारत सरकार ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किये हैं. सरकार ने बताया है कि इससे पहले के वित्त वर्ष यानी वर्ष 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर में 6.6 फीसदी की गिरावट आयी थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को जो आंकड़े जारी किये, उसके मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी, जबकि जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही थी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के पूरे साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही.
GDP grew 8.7% in FY 2021-22, Quarter 4 GDP at 4%: Govt of India pic.twitter.com/qvcYwKqfzz
— ANI (@ANI) May 31, 2022
इसके पहले, वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. हालांकि, मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष का वृद्धि आंकड़ा एनएसओ के पूर्वानुमान से कम रहा है. एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में इसके 8.9 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी.
ऊंची मुद्रास्फीति का जोखिम नहीं: सीईए
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत के लिए आर्थिक वृद्धि दर में नरमी के साथ ऊंची मुद्रास्फीति (स्टैगफ्लेशन) का जोखिम नहीं है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है.
उन्होंने कहा, ‘भारत में अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर में नरमी के साथ ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर जोखिम अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है.’ सीईए ने कहा कि भारत अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है, क्योंकि देश का वित्तीय क्षेत्र वृद्धि को समर्थन देने के लिए अच्छी स्थिति में है.
आईएमएफ भारत के वृद्धि अनुमान में कर सकता है कटौती
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को संशोधित करने की तैयारी में है. इसमें अनुमानित वृद्धि दर में कटौती की जा सकती है. भारत में आईएमएफ के वरिष्ठ स्थानीय प्रतिनिधि लुइ ब्रुएर ने मंगलवार को कहा कि धीमी आर्थिक वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि (स्टैगफ्लेशन) के मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में भारत का संशोधित वृद्धि पूर्वानुमान 8.2 प्रतिशत के पुराने अनुमान से कम रह सकता है.
उन्होंने कहा, ‘इस समय आईएमएफ वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को संशोधित कर रहा है. इस दिशा में काम जारी है.’ आईएमएफ ने गत अप्रैल में कहा था कि वर्ष 2022 में भारत की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रह सकती है. इसके पहले जनवरी, 2022 में इसने 9 प्रतिशत वृद्धि दर की संभावना जतायी थी. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा था कि वर्ष 2023 तक भारत की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रह सकती है.
ब्रुएर ने कहा कि भारत उच्च मुद्रास्फीति के साथ निम्न रोजगार की समस्या से जूझ रहा है और रोजगार के नये अवसर पैदा होने के लिहाज से यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और इस समय पुनरोद्धार के दौर से गुजर रही है.