मुजफ्फरपुर जिल में गंडक और बूढ़ी गंडक नदी में उफान, बागमती शांत

मुजफ्फरपुर। जिले से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रहा है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में खतरे के निशान से ऊपर है। यहां जलस्तर 52.77 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर पर चिह्नित है। बागमती का जलस्तर कटौझा में 55.20 मीटर पर है, जबकि खतरे का निशान 55.23 मीटर है। इसी तरह से गंडक नदी का जलस्तर रेवाघाट पर 54.48 मीटर पर है, जबकि खतरे का निशान 54.41 मीटर पर चिह्नित है।

बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के बाद मिठनसराय और विजयी छपरा में तबाही है। लोग ऊंचे स्थान या छत पर शरण लिए हुए हैं। कुछ लोग मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन पर आकर शरण लेने लगे हैं। गांव में आने-जाने के लिए नाव ही सहारा है।

बाढ़ से तबाही का होगा निदान

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कांटी विधायक इसराइल मंसूरी ने कहा कि वह खुद लगातार मिठनसराय के लोगों के संपर्क में हैं। बहुत जल्द ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी व जल संसाधन मंत्री से मिलेंगे। बरसात से पहले मरम्मत में जिसकी भी लापरवाही होगी, उसपर सख्त एक्शन हो, इस पर जिलाधिकारी व जल संसाधन मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। विधायक ने कहा कि वह लगातार मिठनसराय सहित कांटी इलाके में बाढ़ की समस्या को उठाते रहे हैं। अब टेनी बांध की मरम्मत व ङ्क्षरग बांध बने, इसके लिए सदन तक आवाज उठेगी। जल संसाधन मंत्री का निरीक्षण हो, इसके लिए पहल करेंगे।

200 फीट के कारण तबाही

पैगंबरपुर कोल्हुआ, मिठनसराय विकास समिति के संयोजक अधिवक्ता अरुण पांडेय ने बताया कि विषहर स्थान के पास टूटे हुए टेनी बांध से पानी प्रवेश कर रहा है। उन्होंने बताया कि बरसात से पहले ग्रामीणों ने आवाज उठाई। उसके बाद जल संसाधन विभाग के कुछ अभियंता यहां पर आकर चले गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब तबाही मची है, अगर बाढ़ से पहले करीब 200 फीट बांध को बांध दिया जाता तो यह पानी प्रवेश नहीं करता। उन्होंने कहा कि इस साल तीसरी बार बाढ़ से लोग तबाह हो रहे हैं। फोर लेन पर आने को बाध्य हंै। जिलाधिकारी से मांग की कि जल संसाधन विभाग से पहल कर टेनी बांध की मरम्मत कराने तथा पुलिस लाइन कदम चौक शिवजी पासवान के घर से संगम घाट होते हुुए कलवारी मुख्य बांध तक ङ्क्षरग बांध बनाकर जोड़ा जाए। इससे हर साल की तबाही से पांच पंचायत के 30 से 40 हजार लोगों की बाढ़ से रक्षा होगी। अभी एनएच-57 से मिठनसराय रेलवे ढाला से गांव में जाने के लिए परेशानी होता है।

सिकंदरपुर के निचले इलाके में पानी

सिकंदरपुर, बालूघाट, कर्पूरी नगर, झील नगर में पानी प्रवेश कर गया है। इसके कारण लोग घर में जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हंै। बांध से नीचे बसे लोग तबाह हैं। घर में आने-जाने के लिए नाव ही सहारा है।