केके पाठक के आदेश के आगे बिहार डीएम बेबस, स्कूल बंद करने पर नहीं ले पा रहे फैसला
बिहार में भीषण गर्मी के कारण राज्य भर के सरकारी स्कूलों में कई छात्रों के बेहोश होने की खबरें आ रही हैं। आपको बता दें कि अभी स्कूल सुबह 6 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक चलाए जा रहे हैं और दोपहर की गर्मी का छात्रों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ पर बुरा असर पड़ रहा है।
यहां यह भी बता दें कि पहले डीएम भीषण गर्मी और लू को देखते हुए निर्णय ले पाते थे, लेकिन अब वे शिक्षा विभाग के आदेश से बंधे हुए हैं और कोई भी निर्णय लेने की पहल नहीं कर रहे हैं। इस बीच शिक्षक संघ ने सीएम नीतीश कुमार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति के गलियारे में भी गरमी देखी जा रही है।
केके पाठक को मानसिक इलाज की जरूरत – भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने भीषण गर्मी के बावजूद स्कूलों के समय को लेकर केके पाठक पर निशाना साधा और कहा कि केके पाठक मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए हैं।
उन्हें न तो बच्चों के हित की चिंता है, न ही शिक्षा से कोई लेना-देना है और न ही शिक्षकों की चिंता है। वे विक्षिप्त हो गए हैं। 4 जून के बाद मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि उन्हें किसी मानसिक अस्पताल में भेजकर उनका इलाज कराया जाए। उन्हें इलाज की बहुत जरूरत है, क्योंकि वे मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए हैं।
बिहार में सरकार नहीं है, सिर्फ नौकरशाही बची है- तेजस्वी
भीषण गर्मी के कारण स्कूलों के समय में बदलाव के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रहेगा, सरकार नहीं रहेगी, सिर्फ नौकरशाही बची है। नौकरशाही चरम पर है। मुख्यमंत्री की भी सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री इतने कमजोर क्यों हो गए हैं? तापमान 47 डिग्री है, ऐसे में कम से कम छोटे बच्चों का तो ख्याल रखना चाहिए। तेजस्वी ने कहा, कोई भी सलाह दे और डॉक्टर भी कहते हैं, लेकिन इस स्थिति में मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर पा रहे हैं। साफ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री लोगों से घिरे हुए हैं और उनके हाथ में कुछ नहीं बचा है।
केके पाठक पर चुप क्यों हैं नीतीश कुमार- मुकेश सहनी
स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि, केके पाठक जी को हम अच्छा अधिकारी मानते थे। पहले उन्होंने कुछ अच्छे फैसले लिए थे, लेकिन हाल के दिनों में वे जो फैसले ले रहे हैं, उससे शिक्षक परेशान हैं। वे अपना दबदबा कायम कर रहे हैं। उन्हें सुबह 6 बजे स्कूल पहुंचना है, यह सब कहीं न कहीं ठीक नहीं है। देश स्तर पर देखा जाए कि जिस तरह की पढ़ाई देश स्तर पर हो रही है, वैसी ही पढ़ाई बिहार में भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए, लेकिन वे चुप हैं।
बाधा डालने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो- चिराग पासवान
लगातार पड़ रही गर्मी के कारण स्कूलों में बच्चों के परेशान होने पर चिराग पासवान ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अगर कहीं कोई लापरवाही हो रही है, तो बिहार सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई घटना न हो। जिस तरह से स्वाभाविक रूप से गर्मी बढ़ रही है और बच्चों के लिए स्कूल में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, अगर कोई छुट्टी की घोषणा करना चाहता है, तो वह भी किया जाना चाहिए। जो भी अधिकारी इसमें बाधा उत्पन्न कर रहा है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।