पश्‍च‍िम चंपारण: वीटीआर में बाघिन की संदेहास्पद मौत, जांच पड़ताल में जुटी वन व‍िभाग की टीम

पश्‍च‍ि‍म चंपारण (बेतिया)। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मानपुर वन क्षेत्र के कंपार्टमेंट संख्या 68 में मानपुर से जसौली जाने वाले वन पथ में तीन लालटेन तरमोहानी के समीप शनिवार की शाम में संदिग्ध परिस्थिति में एक बाघिन का शव मिला। ऐसा प्रतीत होता है कि बाघिन की मौत दो- तीन पहले हुई है। शव से बदबू निकल रही है। बाघिन की अवस्था 10 वर्ष के आसपास है। वह दो बच्चों को जन्म भी दे चुकी है। बाघिन का शव मिलने की सूचना पर वन विभाग में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में वन विभाग के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। मामले की जांच चल रही है। शव को मंगुराहा वन क्षेत्र कार्यालय में ले जाया जा रहा है। रविवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

वन विभाग के क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि बाघिन के मरने की सूचना मिली है। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची है। जांच के बाद हीं कुछ कहा जा सकता है। बताया जाता है कि चक्रसन गांव से निकलकर जंगल में जाने वाले रास्ते के समीप झाड़ी में बाघिन का शव पड़ा हुआ था। राहगीरों को रास्ते में बदबू मिली, तो झाड़ी में देखा। बाघिन को मृत देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। फिलहाल बाघिन के मौत का कारण पता नहीं चल सका है। लेकिन इतना स्पष्ट है कि मृत बाघिन का शव यहां कई दिनों से पड़ा था। शव उठाने पहुंचे वनकर्मी नाक पर रूमाल व गमछा बांधकर पहुंचे। बता दें कि इस स्थल से महज 200 मीटर की दूरी पर बीते अक्टूबर माह में दो बाघों में वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की जान गई थी।

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