12 वर्षों में तीसरी बार मई में जिले का अधिकतम तापमान 47 डिग्री के पार गया है। वर्ष 2020 में 27 मई को पारा 48 पर पहुंच गया था। हालांकि 26 मई 1998 को जिले का तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस रहा था, जो आज तक मई का रिकॉर्ड भी है। वीरवार सुबह से ही उमस वाली गर्मी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया।
दोपहर होते-होते आसमान से आग बरसने लगी। झुलसाने वाली धूप व लू ने लोगों का दम निकाल लिया। भीषण गर्मी ने कूलर व एसी को भी फेल कर दिया। लोग घरों से बाहर निकलने से पहले गर्मी से बचने के पूरे इंतजाम करके निकले और बाहर भी गर्मी से बचने को ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेते दिखे। शाम होने के बाद भी गर्म हवाएं चलती रहीं। इस दौरान बालसमंद एरिया में अधिकतम तापमान 47.4, हिसार एएमएफयू में 47.3 व हिसार में 45.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अप्रैल में भी गर्मी का 11 वर्षों का टूटा था रिकॉर्ड अप्रैल में भी जिले में भीषण गर्मी पड़ी थी। इस दौरान गर्मी ने 11 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। 29 अप्रैल को जिले में अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो 11 वर्षों में सर्वाधिक था।
12 वर्षों के दौरान अधिकतम तापमान की स्थिति
वर्ष तिथि तापमान
2022 12 मई 47.4
2021 30 मई 43.3
2020 27 मई 48.0
2019 31 मई 45.0
2018 30 मई 46.6
2017 27 मई 47.1
2016 22 मई 47.8
2015 23 मई 45.5
2014 30 मई 46.0
2013 24,25 मई 47.3
2012 31 मई 46.4
2011 19 मई 46.2
समय से पहले तापमान बढ़ने की ये है वजह जिले में आमतौर पर इतना तापमान मई के आखिरी सप्ताह में पहुंचता है, लेकिन इस वर्ष समय से पहले इतनी गर्मी पड़ने लगी। नारनौल स्थित आईएमडी सब सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग व ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव के कारण तापमान में बढ़ोतरी हो रही है।
इसके अलावा इस बार मार्च व अप्रैल में कम संख्या में वेदर सिस्टम बने। इस माह में भी काफी दिनों से वेदर सिस्टम नहीं बना है। साथ ही सीधी मरुस्थलीय हवाएं आ रही हैं। यही कारण है कि समय से पहले इतनी ज्यादा पड़ रही है।
मानसून : 3 जुलाई को जिले में प्रवेश करने की संभावना
भारतीय मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि जिले में 3 जुलाई को मानसून प्रवेश करेगा और इसकी वापसी 21 सितंबर को हो जाएगी। हालांकि पहले मानसून के प्रवेश करने की तिथि 30 जून व वापसी की तिथि 16 सितंबर थी।