अग्निपथ को लेकर फैलाई जा रही फेक न्यूज, 35 व्हाट्सएप ग्रुप बैन; 10 अरेस्ट

Agneepath Protest: केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. इस योजना पर हिंसा भड़काने के लिए तरह-तरह की फेक न्यूज भी फैलाई जा रही है. गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने रविवार को अग्निपथ योजना और अग्निवीरों पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए 35 व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रतिबंध लगाया है. अफवाह फैलाने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

व्हाट्सएप से फैलाई जा रही फेक न्यूज…गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने व्हाट्सएप फैक्ट-चेकिंग के लिए 8799711259 नंबर भी जारी किया है. बिहार जैसे राज्यों में विरोध प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खास तौर पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने की खबरों के बीच यह कार्रवाई हुई है. इन विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रेन की बोगियों को आग लगाने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं.

12 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित...17 जून को बिहार सरकार ने रविवार तक के लिए 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया था. बिहार सरकार ने कहा था कि जनता को भड़काने और जान-माल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से अफवाहें फैलाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

पटना में जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के मोबाइल फोन से एकत्र की गई जानकारी, कोचिंग सेंटरों की भूमिका की ओर इशारा करती है.

कोचिंग सेंटर का मालिक हिरासत में…तेलंगाना पुलिस ने आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले के नरसरावपेट शहर में एक कोचिंग संस्थान के मालिक को कथित तौर पर अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

हिरासत में लिए गए कोचिंग संस्थान के मालिक अवुला सुब्बा राव पर हकीमपेट आर्मी सोल्जर्स नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का आरोप है, जिसमें सेना के सैकड़ों उम्मीदवार शामिल थे. इस ग्रुप पर, उसने कथित तौर पर सभी सदस्यों को मैसेज भेजकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए कहा था.

नहीं वापस ली जाएगी योजना…विरोध के बीच, केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा. तोड़फोड़ और आगजनी के मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन करने वालों को भर्ती नहीं किया जाएगा. उम्मीदवारों को एक लिखित शपथ देनी होगी कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया. प्रतिज्ञा का सत्यापन पुलिस करेगी.