मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कई कालेजों में जिन अतिथि शिक्षकों का सेवा नवीकरण किया गया है उनमें कई अब भी एक से अधिक जगह से मानदेय का भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। सरकार ने इसको लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है। ऐसे शिक्षकों से मानदेय की वसूली के साथ ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। बिहार सरकार के उप सचिव अरशद फिरोज ने कुलसचिव को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि तत्काल ऐसे कर्मियों को चिह्नित कर अतिथि शिक्षक से कार्यमुक्त करने, उनसे दोहरे भुगतान के तहत ली गई राशि की वसूली करने ऐसे अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने वाले पदाधिकारियों को चिह्नित कर रिपोर्ट करने के साथ ही अतिथि शिक्षकों का भुगतान सीएफएमएस के माध्यम से पे-आइडी के आधार पर करने को कहा गया है। भुगतान के समय पे-आइडी से आधार नंबर का मिलान करना है ताकि दोहरा भुगतान की संभावना को समाप्त किया जाए। दोहरा भुगतान होने की स्थिति में कुलसचिव पर भी तलवार लटक सकती है। बता दें कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों में पिछले सत्र में 436 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इसमें से विवि और कालेजों में नियुक्त चार कर्मचारी व सरकारी स्कूलों में कार्यरत आठ शिक्षकों को मिलाकर कुल 12 अतिथि शिक्षकों ने दोहरे भुगतान का लाभ लिया। इस बार ऐसे अतिथि शिक्षकों का नवीकरण नहीं किया गया। इस सख्ती के बाद भी शिकायत मिल रही है कि कुछ अतिथि शिक्षक दो जगह से भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। एलएस कालेज में नियुक्त एक अतिथि शिक्षक का समस्तीपुर कालेज समस्तीपुर में भी रिन्यूअल कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार हाल ही में उन्होंने वहां से इस्तीफा दिया है। पिछले सत्र में जिन अतिथि शिक्षकों ने एक साथ दो संस्थानों से मानदेय भुगतान प्राप्त करने वाले अतिथि शिक्षकों से भी राशि की वसूली की जाएगी। इसको लेकर विवि को निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि इससे पूर्व भी इसका निर्देश दिया गया था बावजूद दो जगह से अतिथि शिक्षकों का भुगतान किया गया। ऐसे में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विवि के कुलसचिव डा.आरके ठाकुर ने बताया कि कुछ शिक्षकों के दो जगह से मानदेय लेने की शिकायत मिली है। सरकार के निर्देश पर ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर उनसे कारण पूछा जाएगा। साथ ही उनसे राशि वसूली करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।
380 से अधिक शिक्षकों का किया गया है नवीकरण :
विवि की ओर से 380 से अधिक शिक्षकों का नवीकरण किया गया है। दर्जनभर शिक्षकों को दोहरा वेतन लेने के कारण नवीकरण के कारण रोका गया है। वहीं कुछ अतिथि शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है। इस कारण रिक्त सीटों पर नियुक्ति के लिए विवि की ओर से अधिसूचना जारी की जा चुकी है।