सचेत हो जायें बिहार सरकार के कर्मचारी! ऐसे किया तो आपको भी मिलेगा रिटायरमेंट, पूरी खबर

पिछले दिनों बिहार सरकार ने लापरवाह कर्मियों को जबरन रिटायर करने का एलान किया था. जिसके बाद अब इस पर अमल करना शुरू कर दिया गया है. इसी कड़ी में अब पटना कलेक्ट्रेट के 11 कर्मियों को वीआरएस दिया जायेगा. बताते चलें की जब पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह औचक निरीक्षक कर रहे थे. इस दौरान ये कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे. मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को अनुपस्थित पाए गए 42 कर्मचारियों में से चार ऐसे हैं जो 5 जनवरी 2021 को डीएम द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए थे. ऐसे कर्मियों की अनुपस्थिति को डीएम ने गंभीरता से लिया है. दोनों निरीक्षण अवधि में अनुपस्थित रहने वाले जो कर्मचारी हैं उसमें मो.

सगीहउद्दीन अहमद, प्रधान लिपिक जिला सामान्य शाखा, नीतू सिंह लिपिक सामान्य शाखा, आलोक कुमार लिपिक जिला सामान्य शाखा, राजन कुमार लिपिक स्थापना शाखा, उमाशंकर प्रसाद, प्रधान लिपिक जिला भू- अर्जन कार्यालय, अरविंद कुमार लिपिक जिला भू-अर्जन कार्यालय, अरविंद कुमार प्रति. लिपिक जिला भू-अर्जन, कार्यालय, निलेश कुमार ठाकुर लिपिक जिला भू-अर्जन कार्यालय, संतोष कुमार लिपिक जिला भू- अर्जन कार्यालय, सुनील खलको मोहर्रिर जिला भू-अर्जन कार्यालय, अशोक कुमार जंजीर वाहक जिला भू-अर्जन कार्यालय शामिल हैं.

जिलाधिकारी द्वारा किए गए दोनों निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए उक्त 11 कर्मियों के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित किया जाएगा. बताते चलें की मार्च माह से कार्यालय खुलने का समय 10 बजे निर्धारित किया गया है, जबकि डीएम द्वारा किए गए निरीक्षण में यह कर्मचारी 10:30 बजे तक कार्यालय नहीं आए हुए थे.

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गौरतलब है की लघु जल संसाधन विभाग ने 50 से अधिक उम्र वाले अधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन कर दो कार्यपालक अभियंताओं को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है. इसके लिए एक कमिटी का गठन किया गया. जिसने माना की इन दोनों अधिकारियों को सेवा में बनाये रखना लोकहित में नहीं है.

विभाग ने संबंधित जिलों के डीएम और नियंत्री पदाधिकारियों से मिली सूचना के आलोक में 50 से अधिक उम्र वाले इंजीनियरों को वीआरएस देने पर विचार किया. विचार के लिए विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैंठक में खराब प्रदर्शन वाले कई इंजीनियरों के कार्य की समीक्षा की गई. विचार के बाद कार्यपालक अभियंता नवल किशोर और अरुण कुमार के बारे में यह तय हुआ कि ये अधिकारी बार-बार सचेत किये जाने के बाद भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं कर सके. वरीय अधिकारी द्वारा दिये गये दायित्वों का निर्वहन भी इनके द्वारा नहीं किया गया. लिहाजा विभाग ने सामन्य प्रशासनि विभाग से इनके वीआरएस की अनुशंसा कर दी. लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इन अधिकारियों को सभी सेवान्त लाभ मिलेग. साथ ही तीन महीने का वेतन भी दिया जाएगा. राज्य सरकार की इस कार्रवाई से लापरवाह कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है

source:-news4nation