वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार में शहरीकरण का स्तर महज 11.3 प्रतिशत था, जो वर्तमान में 15.3 प्रतिशत हो गया है.
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक बीते दस साल में सूबे का शहरीकरण काफी तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार में शहरीकरण का स्तर महज 11.3 प्रतिशत था, जो वर्तमान में 15.3 प्रतिशत हो गया है.
वर्ष 2011 में देश की कुल शहरी आबादी का सिर्फ 3.1 प्रतिशत हिस्सा बिहार में था. राज्य सरकार ने उम्मीद जतायी है कि उच्च दर से बढ़ रही शहरी अर्थव्यवस्था को देखते हुए अगले दशक में बिहार में शहरीकरण का स्तर काफी ऊंचा होगा.
सर्वेक्षण में बिहार के जिलों के बीच आर्थिक असमानता की तरह शहरीकरण में भी जिलों में काफी असमानता बतायी गयी है. पटना जिले में शहरीकरण का स्तर सर्वाधिक 44.3 प्रतिशत है. इसके अलावा सिर्फ दो जिलों मुंगेर (28.3 प्रतिशत) और नालंदा (26.2 प्रतिशत) में ही शहरीकरण का प्रतिशत 25 से अधिक है. दक्षिण बिहार के जिलों में उत्तर बिहार से अधिक शहरीकरण है.
प्रति व्यक्ति आय में भी पटना अव्वल, बेगूसराय दूसरे स्थान पर
वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना जिला 131.1 हजार रुपये के साथ सबसे ऊपर है. यह दूसरे नंबर पर स्थित बेगूसराय जिले की प्रति व्यक्ति आय 51.4 हजार रुपये से करीब ढाई गुणा अधिक है.
प्रति व्यक्ति आय के मामले में इनके बाद मुंगेर (44.3 हजार), भागलपुर (41.8 हजार), रोहतास (35.8 हजार), मुजफ्फरपुर (34.8 हजार), औरंगाबाद (32 हजार), गया (31.9 हजार), भोजपुर (31.6 हजार) और वैशाली (30.9 हजार) है.