पूर्वी चंपारण। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ जिला इकाई की बैठक शुक्रवार को नरङ्क्षसह बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित हुई। इस अवसर पर पांच सितंबर को राज्य व्यापी शिक्षक सत्याग्रह के मुद्दे पर चर्चा की गई। साथ ही कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय की गई। इस क्रम में टीईटी-एसटीईटी शिक्षकों ने प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की बहाली को लेकर राज्य सरकार द्वारा लाई गई नई नियमावली के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
टीईटी-एसटीईटी शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने सूबे के प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों में प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक बहाली को लेकर बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए कार्यरत बेसिक ग्रेड शिक्षकों को आठ साल सेवा अवधि की बाध्यता तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए 10 व 08 साल सेवा अवधि की बाध्यता निर्धारित कर दी गई है।
सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून और नई शिक्षा नीति-2020 को दरकिनार करते हुए टीईटी-एसटीईटी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के महासचिव ओमप्रकाश ङ्क्षसह ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए प्रधान शिक्षक-प्रधानाध्यापक बहाली नियमावली को असंवैधानिक एवं साजिशों का पुङ्क्षलदा दिया गया है। वहीं, संघ के उपाध्यक्ष मणिभूषण यादव, तरुण पासवान, रोहण पांडेय, नमिता किरण, चेतन आनंद आदि ने कहा कि अब शिक्षक चुप नहीं बैठनेवाले हैं। इसके विरेाध में सड़क से न्यायालय तक पुरजोर विरोध किया जाएगा। इस क्रम में पांच सितंबर को शहर के चरखा पार्क के पास एक दिवसीय सत्याग्रह भी किया जाएगा। प्रधान शिक्षक बहाली प्रक्रिया को लेकर सूबे के हर जिले में विरोध जारी है।मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रूमित रौशन , संतोष कुशवाहा , सर्वेश शर्मा , दीपेंद्र कुमार , राम विनय शर्मा, सैफुल्लाह अंसारी, रंजीत यादव, रौशन कुमार, जिला प्रवक्ता सुधाकर पांडेय, सुरेश गुप्ता, कार्तिक कुमार, देव कुमार यादव, हारून रसीद आदि मौजूद थे।