नई दिल्ली. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने आज रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस (RIMS), इम्फाल में विभिन्न नई ढांचागत सुविधाओं का शुभारंभ किया. आरआईएमएस, इम्फाल (Imphal) में शुरू की गईं नई सुविधाओं में तीन टेस्ला एमआरआई मशीन के साथ एक नया एमआरआई ब्लॉक, पीजी (100 की क्षमता) महिला हॉस्टल, न्यूरो ब्लॉक और नए ब्लॉक में कॉलेज ऑफ नर्सिंग शामिल हैं.
इस अवसर पर मणिपुर अंदरूनी संसदीय क्षेत्र (Inner Manipur Lok Sabha) के लोकसभा सदस्य आर.के रंजन सिंह, राज्यसभा सांसद महाराजा सनजाओबा और आरआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर ए शांता सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
आरआईएमएस के जुबली हॉल में डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने संबोधन में कोविड-19 (COVID-19) के कठिन काल में उपकरण प्राप्त करने, विशेष रूप से टेस्ला एमआरआई मशीन का आयात करने में समक्ष आईं कठिनाइयों के बावजूद ढांचागत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अधिकारियों की सराहना की.
परियोजनाओं के समय पर पूर्ण होने से आरआईएमएस के प्रशासन की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है. उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए श्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किए.
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता और पेयजल सेवाओं के लिए केन्द्रीय बजट में बड़ी वृद्धि आगामी वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाएगी और लोगों के अच्छे स्वास्थ्य का लक्ष्य हासिल करने में मददगार होगी. उन्होंने ये भी कहा कि केन्द्र ने दूर-दराज के जिलों में 75 नए मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला किया है जहां लोग कई वर्षों से परेशानियों का सामना कर रहे हैं और वे स्वास्थ्य शिक्षा व अन्य सुविधाओं से वंचित हैं.
मणिपुर (Manipur) में चूडा-चंदपुर मेडिकल कॉलेज और नगालैंड में मोन मेडिकल कॉलेज की स्थापना केन्द्र सरकार की पहल के अंग हैं. मोन के मेडिकल कॉलेज की आधारशिला शनिवार को केन्द्रीय मंत्री ने रखी थी. केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं इस क्षेत्र की विकास योजनाओं की प्रगति पर निगरानी रखे हुए हैं.
इससे पहले लोकसभा सदस्य आर.के रंजन ने कहा कि आरआईएमएस में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग को शामिल करने से न केवल राज्य और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कैंसर के उपचार की सुविधा मिलेगी अपितु रोगियों को बड़ी रकम वाले उपचार में काफी बचत होगी. राज्यसभा सांसद महाराजा संजाओबा ने कहा कि आरआईएमएस में न केवल पूर्वोत्तर भारत के लिए अपितु समूचे दक्षिण पूर्व एशिया के लिए प्रमुख चिकित्सा संस्थान बनने की क्षमता है.
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