बेगूसराय। डीएम रौशन कुशवाहा ने कहा कि वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार ड्रिप सिचाई के उपयोग से खेती में 60 प्रतिशत तक जल की बचत हो सकती है। साथ ही 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की खपत तथा 30 से 35 प्रतिशत खेती के लागत में भी कमी हो सकती है। इससे बेहतर गुणवत्ता के साथ 25 से 35 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन भी हो सकता है। वे शनिवार को सूक्ष्म सिचाई पद्धति के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से समाहरणालय परिसर से शनिवार को एलइडी युक्त जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के दौरान प्रेस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित जल जीवन हरियाली अभियान अन्तर्गत जल संरक्षण एवं कृषि जल बचत के लिए सूक्ष्म सिचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना अन्तर्गत सूक्ष्म सिचाई पद्धति यथा- ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति को बढ़ावा देकर कृषि कार्यों के दौरान न सिर्फ जल संरक्षण के लिए पहल किए जा रहे हैं। बल्कि यह पद्धति पैदावार में भी सहायता पहुंचा रही है। जानकारी दी कि रवाना रथ 18 दिनों तक सभी प्रखंडों में भ्रमण कर किसानों को जागरूक करते हुए सूक्ष्म सिचाई पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
जानकारी दी कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जा रहा है। खेती में किसानों को सहूलियत हो सरकार द्वारा इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी राजेश प्रताप सिंह, सहायक निदेशक उद्यान राजीव रंजन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी भुवन कुमार आदि मौजूद थे।