धान की फसल में लग रहा रोग, दवा हो रही बेअसर

त्रिवेणीगंज (सुपौल): प्रखंड क्षेत्र के किसानों की परेशानी धान की फसल में लग रहे रोग ने बढ़ा दी है। किसानों को उत्पादन पर असर पड़ने की चिता सता रही है। किसान फसल को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार की दवा खरीदकर छिड़काव तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। उत्पादन प्रभावित हुआ तो किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।

किसानों का कहना है कि इन दिनों धान की फसल कई रोग लग रहे हैं, दवा का भी छिड़काव कर रहे है लेकिन वह बेअसर साबित हो रही है। हमलोगों को उत्पादन पर असर पड़ने का डर सता रहा है। विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। बताया कि फसल में कई तरह की बीमारी व कीट का प्रकोप हो रहा है।

झुलसा, तना छेदक, ब्लास्ट रोग का प्रकोप बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम के लिए किसानों द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। खेत में लहलहाती फसलों में कीटों के प्रकोप के उत्पन्न बीमारी से किसानों की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वह इससे कैसे निपटें।

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कुशहा पंचायत के योगियाचाहि गांव के किसान लालो यादव, जगदीश यादव, मोगल यादव, शत्रुधन यादव, बीरेंद्र साह, रामदेव राम आदि ने बताया कि धान के पौधे में ऊपरी हिस्सा सूखने की बीमारी हो रही है।

इसको लेकर दवा का छिड़काव किया जा रहा है। इसके बावजूद स्थिति जस की तस है। यदि इसी तरह से कीट का हमला बढ़ता रहा तो उत्पादन पर बड़ा असर पड़ जाएगा। इसको लेकर किसान काफी चितित नजर आ रहे हैं।

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अभय चौधरी ने बताया कि विभागीय स्तर पर स्थलीय जांच कर जांच प्रतिवेदन कृषि अनुसंधान केंद्र राघोपुर के विज्ञानी के पास भेज कर निदान की जानकारी मांगी जाएगी।