जेठ की दोपहरी में पांव जलने की बात अब पुरानी हो गई है। चैत महीने में ही आसमान मानो आग उगल रहा है। भीषण गर्मी पड़ रही है। मई-जून की तपिश का अहसास मार्च में ही हो रहा है। मौसम की तल्खी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने अलर्ट जारी किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
अस्पतालों को पूरी तरह अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। पेयजल संकट से निपटने की दिशा में कार्य करने को भी कहा गया है। आपदा प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य एवं शिक्षा के अलावा पशुपालन, पीएचईडी, ग्रामीण विकास आदि विभागों को भी अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
लू से बचाव के लिए लोगों को करें जागरूक : आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पत्र जारी कर कहा है कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। बिहार में इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है लू भी चलती है। इसका असर जनजीवन पर पड़ता है।
खासकर बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों को इसमें अधिक परेशानी होती है। पेयजल का संकट हो जाता है। इसलिए लोगों को लू की पूर्व चेतावनी दें। अग्निशमन निदेशालय को अगलगी की घटनाओं को देखते हुए जरूरी इंतजाम करने को कहा गया है। सचिव ने सभी डीएम को जिलास्तर पर जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन को भी कहा है।