बिहार में नई सरकार के गठन हुए एक साल से अधिक वक्त गुजर गया, लेकिन एनडीए में शामिल दलों भाजपा, जदयू, हम और वीआइपी के नेताओं की एक बड़ी आकांक्षा अब तक पूरी नहीं हो पाई। राज्य में अलग-अलग अकादमी, आयोग और बोर्ड में जगह मिलने की आस लगाए नेताओं को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है।
भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपकृत करने की कोशिश तेज कर दी है। पार्टी ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की समितियों, निगम और बोर्ड में 25 से अधिक कार्यकर्ताओं को ओहदा देकर उत्साहित करने का प्रयास किया है। विभिन्न पदों से नवाजे जाने वाले में पार्टी के प्रदेश व जिला पदाधिकारी के अलावा नेता और कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं।
बिहार में तीन दर्जन से अधिक संस्थाओं में पद रिक्त
दरअसल, भाजपा ने इस पहल से बिहार सरकार के निगम, बोर्ड और आयोगों में अध्यक्ष और सदस्य का पद नहीं मिलने से मायूस नेताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया है। बिहार में करीब तीन दर्जन से अधिक बोर्ड, निगम और आयोग के राजनीतिक पद रिक्त हैं। इसमें बतौर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है। इन पदों पर सत्तारूढ़ दल के नेता बैठाए जाते हैं, लेकिन अरसे यह पद खाली हैं।
कौन-कौन हुए उपकृत
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू, पिंकी कुशवाहा, शैलेंद्र मिश्रा, मुख्यालय प्रभारी सुरेश रूंगटा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल, पूर्व मंत्री भीम सिंह, भाजपा की प्रदेश मंत्री सजल झा, पूनम शर्मा, बेबी चंकी के अलावा प्रदेश प्रवक्ता विवेकानंद पासवान को ऐसे पद मिले हैं।
इसी तरह दीपेंद्र सर्राफ, सरला रजक, रविशंकर प्रसाद, सियाराम सिंह, शीला प्रजापति, संजीव झा, राम नरेश सिंह, अजय यादव, सुनील राम, प्रियंवदा केसरी, प्रमोद शंकर सिंह, संजय सिंह चंद्रवंशी और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीष कुमार को भी नए दायित्व दिए गए हैं।
भाजपा की ओर से कार्यकर्ताओं को ओहदा देकर नवाजे जाने का सिलसिला जारी है। शीघ्र ही कुछ और कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाएगा।
बिहार में रिक्त हैं ये प्रमुख पद
बीस सूत्री, महिला आयोग, महादलित आयोग, सवर्ण आयोग, एससीएसटी आयोग, भोजपुरी अकादमी , बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अलावा निगम और बोर्ड में निदेशक, अध्यक्ष और सदस्य का पद रिक्त है।