गर्मी के साथ बढ़ रहा डायरिया

गर्मी के साथ-साथ जिला नागरिक अस्पताल में डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, मौसम में बदलाव और खानपान में ध्यान न देने की वजह से ऐसा हो रहा है। बच्चों और बुजुर्ग में सबसे अधिक परेशानी देखने को मिल रही है।अस्पताल में रोजाना करीब 30 बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति डायरिया की जांच और इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

डॉक्टरों के अनुसार, डायरिया मुख्य रूप से मक्खियों, खराब पानी का सेवन करने, बासी भोजन ग्रहण करने से फैलता है। खानपान में असावधानी बरतने पर डायरिया अथवा पेट से संबंधित अन्य बीमारी हो सकती है। गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गर्मी के कारण पसीने से लगातार जरूरी तत्व शरीर से निकलते रहते हैं।

इससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं। इससे उनमें कई अन्य प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। ज्यों-ज्यों तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, उसके साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिले का अधिकतम तापमान इस समय 41 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। आगामी दिनों में और ज्यादा तापमान होने का अनुमान है।

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अप्रैल माह के अंत तक अस्पताल में डायरिया और गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी कम रही है। डायरिया से पीड़ित एकाध बच्चा ही अस्पताल में पहुंचा है, लेकिन मई माह के प्रथम सप्ताह में ही मरीजों की संख्या बढ़ गई है और आगामी दिनों में संख्या और ज्यादा बढऩे की संभावना है।
जिला नागरिक अस्पताल की कार्यकारी प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रेनू चावला ने कहा कि डायरिया और गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल में सभी प्रबंध पुख्ता हैं। सबसे पहले लोगों को चाहिए कि वे बच्चों और बुजुर्गों को धूप में न निकलने दें।

अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें और कटे हुए व बासी फलों-सब्जियों का सेवन न करें। जितना संभव हो सके ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ पीकर बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। अगर किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच व इलाज करवाएं।