अब बिहार बोर्ड मैट्रिक और इंटर के 30 लाख छात्रों का डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। बिहार बोर्ड सभी छात्रों के डेटा को ई-ऑफिस से जोड़ रहा है। ई-ऑफिस से जुड़ने के बाद छात्रों का सारा काम स्कूल से ही होगा। ई-ऑफिस बोर्ड द्वारा बनाया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी स्कूली छात्रों का डेटा सुरक्षित रहे।
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राज्य के सभी स्कूलों को ई-ऑफिस से जोड़ा गया है। इससे 9 से 12 वीं तक का पंजीकरण फॉर्म ई-ऑफिस के जरिए भरा जा सकेगा। ज्ञात हो कि मैट्रिक और इंटर के ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया पिछले कई सालों से चल रही है। ऐसी स्थिति में, छात्रों और छात्रों का डेटा कई बार लीक हुआ था। डेटा लीक कर बिहार बोर्ड के नाम पर पैसे मांगने का प्रलोभन दिया गया था। चूंकि कई स्कूलों द्वारा पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म साइबर कैफे द्वारा भरे गए थे। इसके चलते स्कूल का डेटा साइबर कैफे से लीक हो गया। लेकिन अब छात्र इन समस्याओं से बच सकेंगे। अब स्कूल का सारा डाटा सुरक्षित रहेगा।
कुछ ही घंटों में साप्ताहिक काम हो जाएगा
अब तक बिहार बोर्ड डीईओ कार्यालय के माध्यम से स्कूलों के पास सभी काम करता था। इसमें लगभग 15 दिन से एक सप्ताह तक का समय लगता था। लेकिन अब यह काम आसान हो जाएगा। अब सप्ताह का काम एक दिन में ही हो सकता है। बोर्ड को सीधे ई-ऑफिस के माध्यम से स्कूल में ऑनलाइन भेजा जाएगा।
बोर्ड स्कूल की लेटेंसी पर भी सीधी नजर रखेगा
ई-ऑफिस के साथ, अब स्कूल भी लापरवाही या लापरवाही नहीं कर पाएंगे। बोर्ड स्कूल की हर गतिविधि पर नजर रखेगा। बोर्ड द्वारा स्कूलों की पहचान की जा सकती है कि समय पर काम करने से कौन सा स्कूल नहीं दिया जाता है। इससे बोर्ड का काम आसान हो जाएगा।
ये सभी लाभ ई-ऑफिस से उपलब्ध होंगे:
- – स्कूल, डीईओ और बिहार बोर्ड के सभी काम पेपरलेस होंगे।
- – स्कूल और बोर्ड के बीच सीधा संवाद होगा
- – स्कूल द्वारा फॉर्म भरने के बाद छात्रों को दिखाया जा सकता है
- – छात्रों के नाम, माता-पिता के नाम, जन्म तिथि आदि में सुधार स्कूल स्तर पर ही किया जा सकता है।
- – पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म अब स्कूल द्वारा छात्रों के सामने भरा जाएगा। इससे गलतियां कम होंगी
- – स्कूलों को अब ऑनलाइन काम के लिए साइबर कैफे नहीं चलाने होंगे
Source-hindustan