Cyclone Asani: IMD ने अपने बुलेटिन में कहा है कि कम दबाव का क्षेत्र जो मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन चुका है, 19 मार्च को सुबह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ जाएगा. ये फिर 20 मार्च तक अंडमान निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Islands) पहुंच जाएगा.
Cyclocane Asani Tracker : मौसम विभाग (India Meteorological Department -IMD) ने साल के पहले चक्रवाती तूफान आसनी को लेकर अलर्ट जारी किया है. विभाग की ओर से कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से के ऊपर एक कम दबाव क्षेत्र बन चुका है, जिसके 21 मार्च तक तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना नजर आ रही है.
अंडमान और निकोबार प्रशासन की ओर से कहा गया है कि एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है और वे तलाशी और बचाव अभियान चलाने के लिए सभी आवश्यक उपकरणों के साथ अलग-अलग जगहों पर तैयार हैं.
चक्रवाती तूफान आसनी को लेकर क्या कहा IMD ने: IMD ने अपने बुलेटिन में कहा है कि कम दबाव का क्षेत्र जो मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन चुका है, 19 मार्च को सुबह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ जाएगा. ये फिर 20 मार्च तक अंडमान निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Islands) पहुंच जाएगा. अगले एक दो दिनों भारी बारिश की आशंका विभाग की ओर से जतायी गई है.
आसनी नाम क्यों: मौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि कम दबाव के सोमवार को चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है. इसके बाद, यह लगभग उत्तर-उत्तर-पूर्व (north-northeastwards) दिशा में बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार की ओर बढ़ सकता है.
इस चक्रवात को आसनी की संज्ञा दी गई है जो कि श्रीलंका द्वारा सुझाया गया एक नाम है. बताया जा रहा है कि चक्रवात की वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव देखने को मिल सकता है.
आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क करने का आग्रह: ऐसे में जब इस साल का पहला चक्रवात असानी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा है, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय ने उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी से आपदा प्रबंधन तंत्र को हाई अलर्ट पर रखने का आग्रह किया है.
उन्होंने उपराज्यपाल जोशी से सभी स्कूलों और कॉलेजों में 19 और 21 मार्च को अवकाश घोषित करने का भी आग्रह किया है. 20 मार्च को रविवार होने के कारण छुट्टी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि 20 मार्च की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र मजबूत हो जाएगा और 21 मार्च को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा.