नई दिल्ली,एएनआइ। कोरोना काल में साइबर अपराध के मामलों में काफी इजाफा हुई है। साइबर ठग लागातार लोगों को ठगने के फिराक में रहते हैं। अब उन्होंने कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के नाम पर लोगों ठगना शुरू कर दिया है। मामलों के बीच गृह मंत्रालय (MHA) ने साइबर अपराध को लेकर एडवाइजरी जारी की है। देश में नए स्ट्रेन का मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में साइबर ठग लोगों को ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमण का पता लगाने के लिए फ्री टेस्टिंग के नाम पर ठगना शुरू कर दिया है।
गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है, ‘ स्वास्थ्य संकट पर ध्यान केंद्रित होने के कारण साइबर सुरक्षा को ढिलाई बरती जा रही है। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर अपराधी हमेशा लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए नए तरीके आजमाते रहे हैं। आजकल ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके कारण उपजी स्थिति के मद्देनजर साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने आगे बताया कि ठग ओमिक्रोन से संक्रमण का पता लगाने के लिए पीसीआर टेस्ट से संबंधित ईमेल भेजते हैं। इसमें ऐसे लिंक और फाइल होते हैं, जो लोगों का डेटा चुरा लेते हैं। मंत्रालय के अनुसार सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं का नाम इस्तेमाल करके भोली-भाली जनता को ठगा जा रहा है। आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए लिंक पर क्लिक करते ही लोग ठगों द्वारा बनाई गई नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं, जो सरकारी / निजी स्वास्थ्य सेवाओं की वेबसाइट जैसी ही प्रतित होती हैं।
साइबर अपराधी इसकी मदद से लोगो की निजि जानकारी और बैंक डीटेल्स हासिल कर लेते हैं और लोगों को चूना लगा देते हैं । सरकार ने लोगों को सलाह दी कि वेबसाइट असली है या नकली इसका पता लगाने के लिए डोमेन नाम और यूआरएल की जांच करें। cybercrime.gov.in पोर्टल पर ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट करें।
Source Dainik Jagran