पटना में आठ दिन के ब्रेक के बाद गुरुवार से एक बार फिर 18 से अधिक लोगों का टीकाकरण शुरू हो गया. इस दौरान पटना के कंकड़बाग स्थित नगर निगम कार्यालय में बने टीकाकरण केंद्र में अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. पटना समेत तमाम शहरी इलाकों में ज्यादातर केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लेने पहुंच रहे हैं. पटना के केंद्रों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है और इस भीड़ ने व्यवस्था की पोल खोल दी है. आलम यह है कि टीकाकरण केंद्र पर ही कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।
अपनी टाइमिंग के हिसाब से स्लॉट बुकिंग कराकर टीकाकरण कराने आए लोगों को पटना के केंद्रों पर अफरातफरी का सामना करना पड़ा। पहले टीकाकरण देर से शुरू हुआ और फिर इसकी गति भी धीमी हो गई। यही कारण है कि टीकाकरण केंद्र पर भारी भीड़ नजर आने लगी। सेंटर पर न कोई लाइन दिख रही थी और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग। गर्मी और अफरा-तफरी से परेशान लोग हंगामा करते रहे लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था.
कंकड़बाग स्थित नगर निगम के अंचल कार्यालय में बने टीकाकरण केंद्र के लिए सड़क पर वेटिंग जोन बनाया गया था. कपड़ा शेड लगाकर बनाए गए इस वेटिंग जोन में 50 लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग की लाइन में खड़े नहीं हो सके. लेकिन यहां दिन के 12 बजे करीब 150 लोगों को देखा गया। कुछ लोग जमीन पर बैठे थे तो कुछ लोग इधर-उधर खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। यहां पहुंचे लोगों के मुताबिक वे सुबह 10 बजे से खड़े थे.
3 जून को पटना के 12 केंद्रों पर टीका लगाया गया। प्रत्येक केंद्र के लिए स्लॉट बुक किए गए थे। पटना जिले में 17 हजार लोगों ने टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक कराए थे। पटना समेत पूरे बिहार में पिछले 8 दिनों से टीकाकरण नहीं होने से टीकाकरण बाधित है। 18 से अधिक लोगों के टीकाकरण का कार्य पूरी तरह ठप हो गया। यही कारण है कि जैसे ही बड़े पैमाने पर वैक्सीन की आपूर्ति की गई और पंजीकरण शुरू हुआ, लोग टीकाकरण के लिए आगे आए। स्लॉट खुलते ही महज 7 मिनट में भर गए।
Source-hindustan