मधुबनी। मां शेरावाली का दरबार सज चुका है। पूजा पंडालों में मां के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमडने लगी है। मां के पट खुलते ही मानो नवरात्र का उत्साह चरम पर पहुंच गया। मंगलवार को अहले सुबह से ही पंडालों में भक्तों की भीड़ जुटने लगी। सोमवार को जिस बेल को न्योता गया था उसे सप्तमी को सूर्योदय से पहले तोड़ा गया और चामुण्डा माता की पूजा की गई। इसके बाद माता की प्रतिमा में नेत्र प्रदान कर भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए गए। मां का दरबार सजते ही मुराद मांगने वालों का भी तांता लग गया। पूरा शहर नवरात्र के रंग में रंग चुका है। वहीं, मंगलवार को माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा धूमधाम से की गई। परंपरा के अनुसार अलौकिक शक्तियों, तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि के लिए मां कालरात्रि की पूजा रात में होती है जो निशापूजा के रूप में जाना जाता है।
पूजा में नहीं छोड़ रहे कोई कसर
इस बार माता के आगमन व प्रस्थान को लेकर ज्योतिषियों के आकलन का असर भी पूजा में दिख रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार माता का आगमन डोला पर और प्रस्थान हाथी पर है। माता के आगमन का फल शुभकारी नहीं है, जबकि प्रस्थान का फल शुभकारी है। ऐसे में लोग पूजा में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। विभिन्न पूजा समितियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि माता की पूजा पूरे विधि-विधान से की जा रही है, ताकि माता प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्ट दूर करें।
सुरक्षा को ले पुलिस-प्रशासन चौकस
शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मंगलवार को भक्तों का उत्साह चरम पर है। मैया की प्रतिमा में नेत्रदान होते ही दर्शन का सिलसिला शुरू हो चुका है। लोग पूजा पंडालों में मैया के भव्य रूपों का दर्शन कर गदगद हो रहे हैं। पूरा जिला दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से गूंज रहा है। घर से लेकर बाजार तक का माहौल भक्तिमय हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी चौकसी बरत रहे हैं। जिला के कई ग्रामीण इलाकों में शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया। पूजा पंडालों में भीड़ को नियंत्रित करने में स्थानीय लोग भी जुटे हैं।