Credit Card New Rules: क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम 1 जुलाई से होंगे लागू, जानिए 10 जरूरी बातें

Credit Card New Rules: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जारी करने और इससे जुड़े अन्य नियमों में बदलाव किया है. इन नए नियमों के आने से उम्मीद है कि अब क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पहले से अधिक सुरक्षित हो जाएगा. कई बार लोगों को आवेदन नहीं करने के बावजूद कार्ड जारी कर दिया जाता है या कभी-कभी कार्ड उनकी स्पष्ट सहमति के बिना अपग्रेड हो जाते हैं.

नए क्रेडिट कार्ड नियमों की खास बात यह है कि अब क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड इश्यू करने वाले बैंक ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं कर सकेंगे. इन नियमों का मकसद कार्ड के इस्तेमाल को अधिक उपयोगी बनाना है. ये नए नियम 1 जुलाई, 2022 से लागू हो जाएंगे.

यहां हमने बताया है कि नए क्रेडिट कार्ड नियमों में क्या खास है. इससे जुड़ी 10 जरूरी बातें हमने यहां साझा की है.

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1. नए नियमों के अनुसार, बिना सहमति के कार्ड जारी करने या अपग्रेडेशन करने पर पाबंदी लगा दी गई है. अगर बिना सहमति के कार्ड जारी किया जाता है या मौजूदा कार्ड को प्राप्तकर्ता की मंजूरी के बिना अपग्रेड और एक्टिवेट किया जाता है और इसके लिए बिल दिया जाता है, तो कार्ड जारीकर्ता को न केवल पैसे वापस करने होंगे, बल्कि बिना किसी देरी के प्राप्तकर्ता को वापस किए गए शुल्क के मूल्य का दोगुना जुर्माना भी देना होगा.

2. जिस व्यक्ति के नाम पर कार्ड जारी किया गया है, वह भारतीय रिजर्व बैंक के ओम्बुड्समैन से भी संपर्क कर सकता है. ओम्बुड्समैन स्कीम के प्रावधानों के अनुसार जुर्माने की राशि तय करेंगे.

3. जारी किए गए कार्ड या कार्ड के साथ पेश किए गए अन्य प्रोडक्ट्स/सर्विसेज के लिए ग्राहक की लिखित सहमति जरूरी है. इसके अलावा, कार्ड-जारीकर्ता ग्राहक की सहमति के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ अन्य डिजिटल मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. ऐसे मामले सामने आए हैं जहां किसी व्यक्ति के नाम पर जारी कार्ड उन तक नहीं पहुंच पाया और इसका दुरुपयोग किया गया. इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐसे बिना सहमति वाले कार्डों के दुरुपयोग से होने वाली किसी भी हानि की जिम्मेदारी केवल कार्ड-जारीकर्ता की होगी और जिस व्यक्ति के नाम से कार्ड जारी किया गया है, वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

5. अगर कार्ड जारी करने की तारीख से 30 दिनों से अधिक समय तक ग्राहक द्वारा इसे एक्टिवेट नहीं किया जाता है, तो कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कार्डहोल्डर से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) बेस्ड सहमति प्राप्त करेंगे. अगर कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कोई सहमति प्राप्त नहीं होती है, तो कार्ड जारीकर्ता ग्राहक से पुष्टि प्राप्त करने की तारीख से सात वर्किंग डेज़ के भीतर बिना किसी लागत के क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद कर देगा.

6. कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड एप्लिकेशन के साथ एक पेज का की-फैक्ट स्टेटमेंट प्रोवाइड करेंगे, जिसमें कार्ड के अहम पहलूओं जैसे ब्याज दर, शुल्क समेत अन्य जानकारियां शामिल होंगी. क्रेडिट कार्ड एप्लिकेशन के रिजेक्ट होने की स्थिति में, कार्ड-जारीकर्ता को लिखित रूप में बताना होगा कि क्यों आवेदन को नामंजूर किया गया.

7. सबसे अहम नियम और शर्तों (MITC) को हाइलाइट किया जाना चाहिए और ग्राहकों को इसे अलग से भेजा जाना चाहिए. ऑनबोर्डिंग के समय ग्राहक को MITC प्रोवाइड किया जाएगा.

8. कार्ड-जारीकर्ता ग्राहकों लिए खोए हुए कार्ड, कार्ड धोखाधड़ी से होने वाली देनदारियों के लिए एक बीमा कवर शुरू करने पर विचार कर सकते हैं.

9. कोई भी कार्ड-जारीकर्ता नए क्रेडिट कार्ड अकाउंट से संबंधित किसी भी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को कार्ड के एक्टिवेट होने से पहले रिपोर्ट नहीं करेगा.

10. कार्ड-जारीकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि वे जिन टेलीमार्केटरों को नियुक्त करते हैं, वे टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हैं. कार्ड जारीकर्ता के रिप्रेजेंटेटिव ग्राहकों से केवल सुबह 10:00 बजे से 19:00 बजे के बीच संपर्क करेंगे.