Covid Vaccination : देश में बुधवार से शुरू होगा 12 से 14 आयु वर्ग का टीकाकरण, 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लगवा सकते हैं सतर्कता डोज

देश में कोरोना रोधी टीकाकरण के अगले चरण में 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को बुधवार से टीका लगाया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को यह घोषणा की। इन बच्चों को हैदराबाद स्थित बायोलाजिकल ई कंपनी की वैक्सीन कोर्बेवैक्स लगाई जाएगी।

मांडविया ने यह भी कहा कि देश में अब 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को सतर्कता डोज लगाई जाएगी। पहले इस आयुवर्ग के गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों को यह डोज लगाई जा रही थी।

बुधवार से होगा 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण : मांडविया ने ट्वीट किया, ‘बच्चे सुरक्षित तो देश सुरक्षित। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि 16 मार्च से 12 से 13 और 13 से 14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों का कोरोना रोधी टीकाकरण शुरू हो रहा है।

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साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोग अब सतर्कता डोज ले सकेंगे। मेरा बच्चों के स्वजन तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से आग्रह है कि वे वैक्सीन जरूर लगवाएं।’

28 दिनों के अंतराल में लगेंगी वैक्सीन की दोनों डोज : गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वैज्ञानिकों के साथ गंभीर विचार-विमर्श के बाद 12-13 वर्ष और 13-14 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने का फैसला किया है। कार्बेवैक्स वैक्सीन, भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।

जो कोरोना संक्रमण के खिलाफ काम करती है। जानकारी के मुताबिक 28 दिनों के अंतराल में 12-14 साल के बच्चों को कार्बेवैक्स वैक्सीन की दो खुराकें लगाई जाएंगी। साथ ही बताया जा रहा है कि बायोलाजिकल ई लिमिटेड ने केंद्र को कार्बेवैक्स टीके की पांच करोड़ खुराकों की आपूर्ति की है। जिसे देश के विभिन्न राज्यों में वितरित कर दिया गया है।

देश में पात्र बच्चों की आबादी 7.11 करोड़ : स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2008 से 2010 में जन्मे बच्चे इस आयुवर्ग में आएंगे। इस आयुवर्ग में टीकाकरण के लिए पात्र बच्चों की आबादी लगभग 7.11 करोड़ है।

सूत्रों ने बताया कि बायोलाजिकल ई ने केंद्र सरकार को कोर्बेवैक्स की पांच करोड़ डोज की सप्लाई कर दी है। केंद्र की तरफ से उन्हें राज्यों के बीच वितरीत कर दिया गया है। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जबकि कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आने से लगभग सभी स्कूल खुल गए हैं या खुल रहे हैं।