नई दिल्ली। रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी इसी हफ्ते से शुरू हो जाएगी। रविवार को वैक्सीन की दूसरी खेप भारत आ गई है। भारत को स्पुतनिक की केवल 2 लाख 10 हजार खुराक मिली है। ऐसे में पूरे देश में वैक्सीन की कमी जारी रह सकती है. स्पुतनिक का दूसरा जत्था रविवार को हैदराबाद पहुंचा। वहीं, भारत में इसकी पहली खेप 1 मई को सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी की मंजूरी के बाद पहुंची।
डॉ रेड्डीज लैब ने सोमवार से अपोलो अस्पताल के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत देशभर के लैब स्टाफ और उनके परिवारों पर वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। बता दें कि दूसरे जत्थे में रविवार को भारत को सिर्फ 60 हजार टीके ही दिए गए। इससे पहले एक मई को डेढ़ लाख डोज दिए गए थे।
शुक्रवार को हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैब ने भारत में स्पुतनिक के सॉफ्टनिंग की शुरुआत की। वह भारत में इस टीके के भागीदार हैं। डॉ रेड्डीज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारत को अगले 8 से 10 महीनों में स्पुतनिक की 25 करोड़ खुराक मिल जाएगी। भारत में इसका प्रोडक्शन जुलाई में शुरू होगा। स्पुतनिक-वी के एक डोज की कीमत 995.40 रुपये तय की गई है। इसमें टैक्स भी शामिल है। इस आयातित दवा की एक खुराक की खुदरा कीमत 948 रुपये है। इस पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी वाली वैक्सीन की कीमत 995.40 रुपये प्रति डोज है।
देश में अब तीन टीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोविशील्ड और अब स्पुतनिक का निर्माण भारत बायोटेक के कोविक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 तक की पांच महीने की अवधि में देश में दो अरब से अधिक वैक्सीन उपलब्ध होंगी, जो पूरी आबादी को टीका लगाने के लिए पर्याप्त होंगी।
Source-news18