नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देश के मुताबिक, COVID-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सिफारिश की थी, जिसके कुछ सप्ताह बाद यह फैसला आया है।
केंद्रीय मंत्रालय ने सभी गर्भवती महिलाओं को CoWIN पोर्टल पर खुद को रजिस्ट्रेशन करने या खुद को कोविड-19 टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी है। गर्भवती महिलाओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया सामान्य ही होगी।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गर्भावस्था से COVID-19 संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। ‘ज्यादातर गर्भवती महिलाएं एसिम्टोमैटिक होंगी या उन्हें हल्की बीमारी होगी, लेकिन उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। COVID-19 से बचने के लिए सभी सावधानी बरतें और कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में शामिल हो कर अपने आप को टीका लगवाए।
कोई गर्भवती महिला अगर वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो मंत्रालय ने कहा है कि अधिकांश (>90 प्रतिशत) गर्भवती महिलाएं बिना अस्पताल में भर्ती हुए भी ठीक हो जाती है, कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट हो सकती है। लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। गंभीर बीमारी में अन्य सभी रोगियों की तरह, गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने COVID-19 टीके के दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना के टीके सुरक्षित है और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को COVID-19 की बीमारी से बचाता है। किसी भी दवा की तरह, एक टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो आमतौर पर हल्के होते हैं। इसमें हल्का बुखार हो सकता है, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है या 1-3 दिनों तक अस्वस्थ महसूस हो सकता है। कुछ ही गर्भवती महिलाओं (1-5 लाख में से एक) को COVID-19 टीकाकरण के बाद 20 दिनों के भीतर इन में से कुछ लक्षण हो सकते है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
Source-jagran