नवम्बर में इससे भी ज्यादा थी कैदियों की संख्या
वर्ष 2021 के नवंबर में कैदियों की संख्या सर्वाधिक 68,526 रही। नवंबर में शराब से मौत के बाद शुरू हुए विशेष अभियान के कारण अक्टूबर से नवम्बर के बीच कैदियों की संख्या करीब पांच हजार तक बढ़ी थी। हालांकि दिसम्बर में जमानत पर सुनवाई तेज होने और जिलों में विशेष कोर्ट के एक्टिव होने के बाद कैदियों की संख्या में कुछ कमी जरूर दर्ज की गई। नवम्बर के मुकाबले दिसम्बर में करीब 2200 कैदी कम हुए।
कई जेलों में ठूंस कर भरे हैं कैदी
दिसम्बर 2021 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 59 में 13 जेल ऐसे हैं जहां क्षमता से दो सौ प्रतिशत से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। कुछ जेलों में तो यह तीन सौ प्रतिशत से भी अधिक है। ऐसी जेलों में पटना का आदर्श केन्द्रीय कारा बेऊर भी शामिल है। यहां दिसम्बर 2021 में कैदियों की कुल संख्या 5534 थी जबकि वहां की क्षमता 2360 कैदियों को रखने की है। सीतामढ़ी जेल में 380 की जगह 1773 कैदी थे। मधेपुरा, जमुई, औरंगाबाद और नवादा जेल में भी क्षमता से कई गुणा ज्यादा कैदी रखे गए हैं। दरभंगा, छपरा, सीवान, भभुआ, हाजीपुर, बाढ़, दानापुर जेलों का भी हाल कुछ ऐसा ही है। राज्य में महज 18 जेल ही ऐसे हैं, जहां क्षमता से कम कैदी हैं।