CORONA ALERT …! भारत में त्योहारों पर मेले लगना आम है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में शुरू कर अलग-अलग राज्यों में विभिन्न मेलों का आयोजन किया जा रहा है। कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच इन आयोजनों ने चिंता बढ़ा दी है। हालांकि कुछ राज्यों ने एहतियातन इन्हें रद कर दिया है।कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान हरिद्वार कुंभ कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन गया था, ऐसे में विभिन्न मेलों के आयोजन पर बहस छिड़ गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों के बड़े जमावड़े की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
प्रयागराज में माघ मेला आयोजित हो रहा है। यह 14 जनवरी से शुरू होकर एक मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। 17 जनवरी से 16 फरवरी तक लोग संगम की रेती पर कल्पवास करेंगे। निम्नलिखित तिथियों पर स्नान भी होगा।
14/15 जनवरी : मकर संक्रांति
17 जनवरी : पौष पूर्णिमा
एक फरवरी : मौनी अमावस्या
पांच फरवरी : बसंत पंचमी
आठ फरवरी : अचला सप्तमी
16 फरवरी : माघी पूर्णिमा
एक मार्च : महाशिवरात्रि
सूत्रों के अनुसार, माघ मेला क्षेत्र में कोरोना के 38 नए पॉजिटिव मामलों की पुष्टि की गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर बुखार, जुकाम और गला खराब जैसे कोविड लक्षणयुक्त व्यक्तियों और कोरोना टीके की दोनों डोज न लेने वाले श्रद्धालुओं से इस आयोजन में सम्मिलित न होने की अपील की है।
गंगा सागर मेले को कोर्ट की इजाजत:
वार्षिक गंगा सागर मेला मकर संक्रांति के दौरान पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर लगता है। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद यह रविवार से शुरू हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में, जो गंगा सागर से केवल पांच घंटे की दूरी पर है, सकारात्मकता दर 57.98 प्रतिशत है, जो देशभर में दूसरी सबसे ऊंची दर है।