मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना के तेजी से बढ़ते हुए मामले को देखते हुए शीघ्र ही कंटेनमेंट जोन बनाने की आवश्यकता पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि, अब तक मुख्यालय या सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई गाइडलाइन नहीं मिला है। फिर भी सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा ने बताया कि जहां पर 20 या इससे अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलेंगे। उस इलाके में कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। इसके अलावा सर्वे के लिए टीम गठित की जाएगी। स्वास्थ्य सर्वे के साथ ही सैंपलिंग भी होगी। जहां पॉजिटिव केस मिलेंगे, वहां के 300 मीटर के दायरे में मुख्य रूप से सैंपलिंग कराया जाएगा। इसके लिए जरूरत पड़ने पर गली-मोहल्ले के रास्ते को भी बंद किया जा सकता है। ताकि बाहरी कोई व्यक्ति उस मोहल्ले में प्रवेश नहीं कर सके।
आशा व आंगनबाड़ी सेविका को जिम्मेदारी
CS ने कहा कि जो होम आइशोलेशन पर है उनके उपर आशा, आंगनबाड़ी सेविका तथा कंट्रोल रूम से जानकारी ली जा रही है। अगर किसी की हालत होम आइसोलेशन पर रहने के दौरान खराब हो गई तो उसको पहले PHC में भर्ती कराया जाएगा। वहां से जरूरत पड़ने पर उनको सदर अस्पताल या SKMCH में भर्ती किया जाएगा।
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में शिथिलता : स्वास्थ्य विभाग हर सस्तर पर जागरूकता कर रहा है। लेकिन,संक्रमित के संपर्क वाले महज 134 की ही पूरी हुई तलाश
पिछले 6 दिनों से लगातार मरीज मिल रहे है। मरीज के संपर्क में आने वाले की जांच के मामले में काफी सुस्ती दिख रही है। पिछले छह दिनों में पचास मरीज के संपर्क में आने वाले की 134 की पहचान की गई है। पहचान के काम में सुस्ती पर CS ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसमें हर हाल में तेजी लाई जाए।कहा कि जितनी जल्दी पहचान होगी उतनी जल्दी इलाज व संक्रमण को रोका जा सकता है। वे कल से उसकी वह खुद समीक्षा करेंगे। किस स्तर पर लापरवाही सामन आएगी उनके ऊपर सख्त एक्शन होगा।
Source-bhaskar