बिहार में इस तारीख तक आ जाएगा मानसून, ला-नीना के असर से होगी भारी बारिश

बिहार में इस तारीख तक आ जाएगा मानसून, ला-नीना के असर से होगी भारी बारिश

चार साल बाद इस बार बिहार में मानसून देरी से पहुंचेगा। इन चार सालों में तीन बार 13 जून को और एक बार 12 जून को मानसून ने राज्य में प्रवेश किया। लेकिन, इस साल मानसून बिहार कब पहुंचेगा, इसका पूर्वानुमान अभी जारी नहीं किया गया है।

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भले ही मानसून देरी से आ रहा हो, लेकिन मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ला-नीना के प्रभाव से बारिश सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है। बिहार में मानसून के प्रवेश की संभावित तिथि 13 से 15 जून के बीच है। दरअसल, बिहार आने वाली मानसून की शाखा 31 मई से पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में रुकी हुई है। वहीं, पश्चिम से दक्षिण की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा मानसून महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के बाद गुजरात में प्रवेश कर चुका है।

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बंगाल की खाड़ी में धारा कम, इसलिए देरी दक्षिण-पश्चिम मानसून ने तय समय से एक दिन पहले 29 मई को अंडमान निकोबार में प्रवेश किया था। इसके बाद तय समय से दो दिन पहले 30 मई को केरल में प्रवेश किया। इसके बाद अरब सागर में मानसूनी धारा के मजबूत होने से इसका एक हिस्सा तेजी से आगे बढ़ा और 8 जून को छत्तीसगढ़ और ओडिशा में प्रवेश कर गया। इसके बाद इसने गुजरात में भी दस्तक दी। जबकि पूर्वी भारत की ओर दूसरा हिस्सा बंगाल की खाड़ी में मानसूनी धारा के कमजोर पड़ने से 31 मई से एक ही स्थान पर अटका हुआ है।

ला-नीना और अल-नीनो का असर प्रशांत महासागर के तापमान को तीन भागों में बांटा गया है। पहला- यह समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से -0.5 के बीच रहता है। इसे प्राकृतिक चरण कहते हैं। दूसरा- अल-नीनो तब बनता है जब समुद्र सामान्य तापमान से 0.5 ज्यादा गर्म होता है और तीसरा- ला-नीना की स्थिति तब बनती है जब समुद्र सामान्य तापमान से 0.5 ज्यादा ठंडा होता है। अल नीनो के प्रभाव के कारण मानसून की बारिश दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से होकर पेरू और ब्राजील की ओर चली जाती है। इस कारण भारत में वर्षा कम होती है।

वहीं, ला-नीना में जब मौसम ठंडा हो जाता है, तो बारिश की व्यापारिक हवाएं तेज हो जाती हैं। जिससे भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश होती है। जब भी ला-नीना हुआ है, भारत में मानसून की अच्छी बारिश हुई है।

2006 में पहले और 2018 में देरी से आया

मौसम विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दशकों के दौरान, मानसून ने राज्य में सबसे पहले 2006 में प्रवेश किया। वहीं, 2018 में मानसून ने सबसे देरी से दस्तक दी। 2006 में यह 10 जून की बजाय तीन दिन पहले 6 जून को और 2018 में 14 दिन की देरी से 25 जून को प्रवेश किया।

2020 से 2022 तक समय पर पहुंचा मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, 2020 से 2022 तक मानसून अपने तय समय 13 जून को बिहार में प्रवेश कर गया। वहीं, 2023 में मानसून तय समय से एक दिन पहले यानी 12 जून को ही आ गया। इसके बावजूद अल नीनो के प्रभाव के कारण 2022 और 2023 में मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, 2021 में सामान्य से 27.3 मिमी अधिक बारिश हुई।