हाईकोर्ट से CM नीतीश को झटका, बिहार में कोरोना के हालात पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिखाया आईना,

राज्य में बढ़ते करोना संक्रमण पर पटना हाईकोर्ट ने चिंता जतायी है। हाईकोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए की गई तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है।कोर्ट ने जांच रिपोर्ट में देरी, इलाज नहीं मिलने पर चिंता जताई है। कोर्ट ने टिप्पणी दी है कि आम लोगों के लिए सरकारी अस्पताल का दरवाजा लगभग बंद सा है। आम लोगों को भर्ती करने से मना कर दिया जा रहा है। कहीं बेड नहीं होने तो कहीं ऑक्सीजन नहीं होने की जानकारी दी जा रही है। यह गलत है। 

हाईकोर्ट ने कहा है कि अस्पताल आये लोगों को भर्ती करने तथा उन्हें बेहतर इलाज देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। सुविधा नहीं है तो उसे बढ़ाने तथा संसाधन उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य में जिस तरह करोना संक्रमण फैल रहा है वह चिंताजनक है। इसके अलावा हाईकोर्ट की ओर से विभाग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी जांच घर में आरटीपीसीर जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग जा रहे हैं, जबकि प्राइवेट जांच घर में रिपोर्ट समय पर दी जा रही है। पत्र में यह भी कहा गया है कि गत 5 अप्रैल से अब तक हाईकोर्ट में 85 लोगों की रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है। 

IMG 20210416 055225 resize 41 1

इन सभी बातों को लेकर हाईकोर्ट ने एक केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। मामले पर न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने वर्चुअल सुनवाई की। कोर्ट ने देर शाम तक सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की जमकर खिंचाई की।  विभाग के प्रधान सचिव ने करोना से बचाव के लिए किये गए उपाय के बारे में जानकारी दी। हालांकि, कोर्ट उनकी दी गई जानकारी को पूरी तरह मंजूर नहीं किया। कोर्ट में कहा कि सबकुछ अच्छा है यह तस्वीर मत दिखाइये। यदि सब कुछ ठीक रहता तो कोर्ट इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं होती। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से जब सवाल करना शुरू किया तो अधिक जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट ने पूछा, सभी सरकारी अस्पतालों एक्सरे मशीन व सीटी स्कैन है। अस्पताल में ऑक्सीजन है अलार्मिंग सिचुएशन के कारण जनता में घबराहट की स्थिति है। मुफ्त में दी गई जमीन पर बने अस्पताल में कोविड का इलाज क्यों नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा, लोगों में इंफेक्शन लेवल कितना है। इसकी पूरी जानकारी दें। सिर्फ निगेटिव पॉजिटिव से काम नहीं चलेगा। मामले में प्रत्येक सिविल सर्जन, डीएम सहित 88 को प्रतिवादी बनाया गया है

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

Source first’bihar