Night Curfew in Bihar: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के बाद क्या बिहार में भी नाइट कर्फ्यू लगेगा? यह सवाल सभी के जेहन में है। केंद्र सरकार ने हाल में सभी राज्याें को कोविड संक्रमण और ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियात बरतने और कोविड गाइडलाइन में पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
बिहार में भी कोविड के केस पिछले कुछ दिनों में बढ़े हैं। संक्रमण से मौत की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। एक केंद्रीय टीम भी बिहार में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पटना आ रही है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाइट कर्फ्यू लगाने के मसले पर अपना रुख साफ कर दिया है।
कब तक रहेगा संक्रमण, कोई नहीं जानता है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। देश में कोविड संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले कई राज्यों में सामने आए हैं। कोविड संक्रमण का दौर कब तक चलेगा, यह कोई नहीं जानता है।
ऐसे में संक्रमण के पूरी तरह खत्म होने तक मास्क और कोविड गाइडलाइन का पालन करते रहना बेहद जरूरी है। बिहार में टेस्टिंग को बढ़ाया गया है। अभी राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि राज्य में ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है, हालांकि डेल्टा वैरिएंट के केस जरूर बढ़ने लगे हैं।
कई राज्यों में लग चुका है नाइट कर्फ्यू
कोरोना और ओमिक्रोन को ध्यान में रख कई राज्यों ने अपने यहां नाइट कर्फ्यू लगाया है। ऐसे में चर्चा यह चल रही थी कि बिहार भी नाइट कर्फ्यू लगा सकता है। डेल्टा वैरिएंट व उसके पूर्व जब कोरोना के मामले जब लगातार बढ़ रहे थे तब बिहार में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया था। यहां तक कि लाकडाउन खत्म होने के बाद भी यहां नाइट कर्फ्यू खत्म नहीं हुआ था।
बिहार में लगातार बढ़ रहे कोविड के मामले
बिहार में कोरोना के मामले में संख्या बढ़ जरूर रही पर अभी तक ओमिक्रोन का कोई मामला यहां नहीं मिला है। मुख्यमंत्री की पहल पर ओमिक्रोन से जुड़े मामलों की जांच के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था बिहार में भी की जा रही है। सरकार का जोर अधिक से अधिक जांच पर है। मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर अलर्ट रहने को कहा है। नियमित रूप से वह इसकी मानीटरिंग भी कर रहे।