काजवलीचक में धमाके वाली जगह की पाइपलाइन ठीक कर रहे मजदूरों को बुधवार को केमिकल भरी एक बोतल मिली है। मजदूरों ने उसे पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस का अंदेशा है कि बोतल में नाइट्रो ग्लिसरीन भरा हुआ है। जांच के बाद अगर ऐसा पाया जाता है तो ब्लास्ट कहानी में नया मोड़ आ सकता है। बता दें कि भीषण धमाके के बाद कुछ मकान ढहने से इलाके में जलापूर्ति ठप हो गई थी।
दरअसल, बीते तीन मार्च को भीषण धमाके में चार मकान जमींदोज हो गए थे। इससे इलाके की जलापूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। लोग वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल कर रहे थे। जलापूर्ति व्यवस्था को फिर से बहाल करने के लिए मजदूर खोदाई कर रहे थे, तभी उन लोगों को एक बोतल मिली। बोतल से गंध आने के कारण मजदूर भी भयभीत हो गए थे। आसपास के लोगों को जैसे ही जानकारी मिली तो इलाके में सनसनी फैल गई।
खोदाई कर रहे मजदूरों ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को बोतल की बात बताई। एक ने डरते-डरते बोतल उठाकर पुलिस को सौंप दिया। मौजूद सिपाहियों ने बोतल बरामद होने की जानकारी तातारपुर थाने को दी। मौके पर उपस्थित एक पुलिस पदाधिकारी ने इसे नाइट्रो ग्लिसरीन होने का अंदेशा जताया। इसका इस्तेमाल बारूद बनाने में किया जाता है। फिलहाल, मलबे से बरामद बोतल को विस्फोटकों की जांच करने वाली टीम के अवलोकन करने के लिए सुरक्षित रखवा दिया गया है।
बोतल मिलते ही कुछ देर के लिए स्थल पर भीड़ लग गई थी। बोतल खोली नहीं गई इसलिए केमिकल के रंग का पता नहीं चला। बोतल धूल-मिट्टंी से सनी होने के कारण स्थानीय लोग तरह-तरह की चर्चा करते रहे। बोतल पुलिस के कब्जे में जाने के थोड़ी देर बाद फिर से पाइपलाइन की मरम्मत की जाने लगी। इधर लोगों की भीड़ भी धीरे-धीरे छंट गई। बता दें कि धमाके में जमींदोज हुए मकानों के मलबे से ध्वस्त हुई पाइपलाइन से आसपास के कई मकानों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी।
कोट-घटनास्थल पर बरामद बोतल की जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही बताया जा सकता है कि बोतल में क्या है?
बाबूराम, एसएसपी