भागलपुर। Flood in Bihar: बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र की छह सदस्यीय टीम सोमवार को पटना पहुंची। इसके बाद आज मंगलवार को टीम हवाई सर्वे करने के दौरान भागलपुर पहुंची। गृह मंत्रालय के अधिकारी आरके सिंह के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया जा रहा है।
भागलपुर पहुंची केंद्रीय टीम ने समाहरणालय में बाढ़-2021 पर समीक्षात्मक बैठक की। इस बैठक के दौरान जान-माल के नुकसान पर अहम चर्चा की गई है। बिहार दौरे पर आई केंद्रीय टीम को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ से हुए नुकसान पर एक समेकित प्रेजेंटेशन भी दिखाया जाएगा, ऐसी जानकारी मिली है।
दूसरे दिन केंद्रीय टीम ने भागलपुर और नवगछिया में बाढ़ से हुए नुकसान का हवाई सर्वे किया है। वहीं नवगछिया के कई इलाकों में टीम ने स्थल निरीक्षण किया। इसके बाद सभी सदस्य भागलपुर पहुंचे। टीम ने यहां सबौर और कहलगांव आदि बाढ़ प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया। यहां से टीम वापस राजधानी पटना लौटेगी। वहां केंद्रीय टीम आपदा प्रबंधन विभाग के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद वापस दिल्ली लौट जाएगी।
केंद्र को सौंपी जाएगी बिहार बाढ़ की रिपोर्ट
दो दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची केंद्रीय टीम बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी, ये रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी। इसी के आधार पर केंद्र सरकार की ओर से बिहार को आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जा सकता है। बिहार आपदा प्रबंधन केंद्र से मदद के लिए दौरे पर आई केंद्रीय टीम को एक ज्ञापन सौंप सकती है। जानकारी मुताबिक, बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच ग्रैच्युट्स रिलीफ के मद में 7 लाख 95 हजार 538 परिवारों के बीच 472.32 करोड़ रुपये का वितरण किया है लेकिन अब भी कई परिवार इस राशि से वंचित हैं।
कई सड़के बह गईं, कई पुल गए टूट, फसलों की बर्बादी भी
बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ ने इस बार भी तबाही मचाई है। इस बार कई सड़कें बाढ़ के पानी से ध्वस्त हो गईं, कई पुल-पुलिया बह गए। गांव की सड़के बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं। यही नहीं, किसानों की फसलें भी बर्बाद हुईं। पथ निर्माण विभाग की सड़कों की मरम्मत के लिए तकरीबन सौ करोड़ से अधिक की राशि की जरूरत है। वहीं गांवों की सड़कें, जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई हैं उसके लिए भी मोटी राशि की जरूरत है। किसानों को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर भी बड़ी राशि की जरुरत है, जो अनुमानित पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक है। बिहार सरकार की ओर से इनसब को ध्यान में रखते हुए केंद्र से आर्थिक मदद की मांग की जा सकती है।