कंपनी के सीईओ राजेश आर्य समेत सात अन्य पदाधिकारियों को अभियुक्त बनाया गया है। पूर्व क्रिकेट कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने इस प्रोडक्ट का विज्ञापन किया था। इस वजह से धोनी पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
दायर परिवाद के मुताबिक वर्ष 2021 में डीएस इंटरप्राइजेज बेगूसराय नामक एजेंसी के साथ उर्बरक कंपनी ग्लोबल उपजवर्धक इंडिया, नई दिल्ली ने अपने एक खास प्रोडक्ट की बिक्री के लिए करार किया। एजेंसी ने प्रोडक्ट के लिए कंपनी को 36.81 लाख का भुगतान किया। कंपनी ने एजेंसी को खाद तो भेज दिया लेकिन मार्केटिंग में सहयोग नहीं किया, जिसका वादा किया गया था। परिवाद में दावा किया गया है कि इस वजह से एजेंसी में माल फंस गया। एजेंसी के मालिक नीरज कुमार निराला ने कहा है कि कंपनी के असहयोग की वजह से उन्हें घाटा हुआ।
बाद में शिकायत करने पर कंपनी ने एजेंसी में फंसा खाद हुआ वापस ले लिया और बदले में 30 लाख का चेक दिया। मालिक ने जब चेक बैंक भेजा तो बाउंस हो गया। इसकी सूचना बार बार देने के बाद भी कंपनी के अधिकारी या रिप्रजेंटेटिव ने ध्यान नहीं दिया। एजेंसी मालिक के अधिवक्ता ने कंपनी को चेक बाउंस हो जाने का लीगल नोटिस भी भेजा पर, दुकानदार को राहत नहीं मिली। थक हारकर नीरज कुमार निराला कोर्ट की शरण में चले गए।
इस केस में नीरज कुमार निराला की ओर से पूर्व क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के साथ साथ कंपनी के सीईओ राजेश आर्य, स्टेट हेड अजय कुमार, मार्केटिंग हेड अर्पित दूबे, एमडी इमरान जफर, मार्केटिंग मैनेजर वंदना आनंंद और निदेशक महेन्द्र सिंह समेत 8 को अभियुक्त बनाया गया है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस प्रोडक्ट का विज्ञापन किया था। इस वजह से नीरज कुमार निराला ने धोनी पर भी मुकदमा दर्ज करवाया है।
वादी नीरज कुमार निराला के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया है कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रुपम कुमारी की कोर्ट में केस दर्ज किया गया है। धारा 406, 120बी आईपीसी और एनआई एक्ट 138 के तहत सभी को अभियुक्त बनाया गया है। न्यायालय ने मामले को स्वीकार करते हुए केस को न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार मिश्रा के कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। अगली सुनवाई के लिए 28 जून की तारीख तय की गई है। केस में महेन्द्र सिंह धोनी का नाम आने से मामला सुर्खियों में है।