सावधान! बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है कोरोना की दूसरी लहर, विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

कोरोना महामारी की दूसरी लहर पहली की तुलना में बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो बिना देर किए अगले ही दिन उनकी जांच कराई जानी चाहिए। मुंबई के रिलायंस और फोर्टिस अस्पताल के कंसल्टेंट बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष राव ने कहा कि कोरोना वायरस में डबल म्यूटेशन हुआ है और उसकी मौजूदा स्ट्रेन बहुत अधिक संक्रामक है, खासकर बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है।

डॉ. सुभाष राव ने कहा कि दूसरी लहर में विपरीत रुख नजर आ रहा है, इसमें बड़े लोगों की तुलना में बच्चों में जल्दी लक्षण नजर आ रहे हैं। पहले बच्चे संक्रमित हो रहे हैं और उनसे बड़े लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

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डॉ. राव ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर में पहले लक्षणों के साथ ही बुखार आना, ठंड लगना, सूखी खांसी, उल्टी, दस्त, भूख नहीं लगना, थकान जैसे लक्षण भी नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो दूसरे ही दिन उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए। तुरंत जांच से इलाज भी जल्द शुरू हो जाएगा। जांच में हिचक खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे इलाज में देरी तो होगी ही, संक्रमण भी फैलेगा।

डॉ. सुभाष राव का कहना है कि अगर बच्चे को दो दिन बुखार रहता है और फिर ठीक हो जाता है तो उसे 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रखना चाहिए। अगर बुखार आने के पांचवें दिन उसकी कोरोना जांच निगेटिव आती है तब क्वारंटाइन की जरूरत नहीं है।

डॉ. राव ने कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे कोरोना वायरस के साइलेंट स्प्रेडर हैं। अगर उनसे बड़ों में यह संक्रमण पहुंचता है तो गंभीर रूप ले सकता है। डॉ. राव कहते हैं कि अगर माता-पिता दोनों संक्रमित हो जाते हैं तो उनके बच्चों को किसी दूसरे के यहां रहने के लिए भेजना और खतरनाक है, क्योंकि ज्यादा संभावना रहती है कि बच्चा भी संक्रमित हो गया है। वह दूसरे के यहां जाएगा तो वहां भी वायरस फैलने का खतरा रहेगा।

source:-danik Jagran