बिहार पंचायत चुनाव : सीमावर्ती इलाकों में ये काम नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी, जानिए वजह

पंचायत चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर प्रत्याशी व उनके समर्थक सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभा नहीं करेंगे. एटीएस के एडीजी रवींद्रन शंकरन ने यह निर्देश पूर्णिया अंचल के आईजी और पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज के पुलिस अधीक्षक को दिया है. इसके अलावा एटीएस के एडीजी ने आईजी को जल्द ही सीमावर्ती इलाकों में जाकर सीमा बैठकें करने के भी निर्देश दिए हैं.

बताया जाता है कि भारत-नेपाल और बांग्लादेश सीमा में और उसके आस-पास बीएसएफ के जवानों द्वारा पहले ही एहतियाती काम शुरू कर दिया गया है ताकि पंचायत चुनाव के दौरान भीड़भाड़ का फायदा उठाकर कोई भी संदिग्ध प्रवेश न कर सके. इस तरह की सभी नाकेबंदी करने का काम सुरक्षा प्रभारी अधिकारियों ने अभी शुरू किया है.

जल्द ही पूर्णिया क्षेत्र के आईजी सुरेश प्रसाद चौधरी इस मामले की रूपरेखा तैयार कर ठोस रूप देंगे. एटीएस के एडीजी ने किशनगंज और अररिया के पुलिस अधीक्षकों को विशेष निर्देश दिए हैं और दोनों पुलिस अधीक्षकों को एसएसबी और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने और सीमावर्ती इलाकों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है.

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पंचायत चुनाव को देखते हुए एसएसबी के जवानों ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी है. एसएसबी के डीआईजी एसके सारंगी ने यह भी बताया कि अब से सीमावर्ती इलाकों में सख्ती बढ़ा दी गई है. संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती इलाकों में गश्त के लिए महिला जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया जा रहा है.

पूर्णिया जोन के आईजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि एटीएस के एडीजी ने कई दिशा-निर्देश दिए हैं. पंचायत चुनाव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ ही सीमावर्ती इलाकों को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं. चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई शुरू कर दी है।