BSEB Bihar Board Result 2022 : कोरोना काल में दो साल तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकी, लेकिन अब परीक्षा की तिथि जारी कर दी गई है। इस महीने होने वाली परीक्षा के रिजल्ट को लेकर बच्चे और शिक्षक दोनों चिंतित हैं।
कोरोना काल में कम समय तक ही स्कूल खुले रहे। खुले भी तो बच्चे नहीं पहुंचे। वर्तमान सत्र में भी 16 अगस्त 2021 से स्कूल खुले हैं, लेकिन नवंबर तक 2020-21 सत्र की ही पढ़ाई को कहा गया था। उसके बाद से वर्तमान सत्र की पढ़ाई शुरू हुई, लेकिन महीने भर भी नहीं चला और 3 जनवरी के बाद फिर से बंद हो गया। सात फरवरी से 50 फीसदी और 14 फरवरी से 100 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल तो खुले, लेकिन बच्चे अभी भी पूरे नहीं आ रहे हैं। अब 25 मार्च से कक्षा एक से चार और छह एवं सातवीं कक्षा की मूल्यांकन परीक्षा होनी है। लेकिन छात्रों की पढ़ाई नहीं के बराबर हुई है।
तिलकामांझी के पीटी मध्य विद्यालय के कुछ छात्र दो साल में 10-15 दिन ही स्कूल आये। कुछ छात्रों ने कहा कि उसके पास अभी भी किताब नहीं है। दो छात्रों ने बताया कि उनके खाते में किताब की राशि तो आई थी, लेकिन कैंप का पता नहीं था तो किताब नहीं खरीद सके। कौन-कौन सी किताबें चलती हैं, पूछने पर कुछ छात्र नहीं बता सके। ऐसे में बेहतर रिजल्ट की उम्मीद कैसे की जा सकती है। नौवीं की परीक्षा चल रही है, लेकिन पढ़ाई नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं कॉपी में थोड़ी बहुत भरकर वापस चले जा रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई का नहीं मिला लाभ
दूरदर्शन, वेबसाइट और ऐप से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी विभाग ने सुझाव दिया था, लेकिन कुछ गिने-चुने बच्चों को छोड़ दें तो छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल सका। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के छात्र शामिल हैं। ऐसे में एंड्रायड मोबाइल, इंटरनेट आदि की सुविधाएं भी इन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास नहीं होने या खराब होने के कारण इसका लाभ नहीं मिल सका। मध्य विद्यालय जगदीशपुर के प्रधानाध्यापक आशुतोष चन्द्र मिश्र ने बताया कि कक्षाएं तो काफी कम हुईं।
ऐसे में परीक्षा के लिये बच्चे पूरी तरह तैयार नहीं हैं। हालांकि पांचवी और आठवीं के बच्चे यदि वार्षिक परीक्षा में फेल कर जायेंगे तो उन्हें तीन महीने का समय दिया जायेगा, जिसमें वे फिर से परीक्षा देकर पास कर सकते हैं। अभी से बच्चों को गंभीरता से पढ़ाई करनी चाहिए। बचे समय में पाठ को तैयार किया जा सकता है।
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण तो पढ़ाई प्रभावित हुई ही है, लेकिन परीक्षा के पहले जितने दिन स्कूल खुले हैं, बच्चों को स्कूल जाना चाहिए। वहीं प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को परीक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयारी करानी चाहिए।
Source-hindustan